‘...टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है’ वक्फ कानून पर भारत ने पाकिस्तान को लगाई फटकार

नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर पाकिस्तान की आलोचना को भारत ने "प्रेरित और निराधार" बताया। साथ ही पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है और उसे अपने "बेहद खराब" अल्पसंख्यक अधिकार रिकॉर्ड पर ध्यान देना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हम भारत की संसद द्वारा पारित वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर पाकिस्तान द्वारा की गई प्रेरित और निराधार टिप्पणियों को दृढ़ता से खारिज करते हैं. पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामले पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि जब अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की बात आती है तो पाकिस्तान को दूसरों को उपदेश देने के बजाय अपने स्वयं के खराब रिकॉर्ड पर गौर करना चाहिए।आपको बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान के बयान के बाद आई, जिसमें उन्होंने वक्फ कानून को भारतीय मुसलमानों के धार्मिक और आर्थिक अधिकारों पर "अतिक्रमण" और "अल्पसंख्यकों को हाशिए पर धकेलने" वाला बताया था।
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद बना था कानून
4 अप्रैल को वक्फ संशोधन अधिनियम संसद के दोनों सदनों में पास हो गया था। इसके बाद 5 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी मंजूरी दे दी थी। बता दें कि सरकार उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है। इसमें गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने और सरकारी अधिकारियों को संपत्ति सर्वेक्षण का अधिकार देने जैसे बदलाव शामिल हैं। भारत ने पाकिस्तान के बयान को खारिज करते हुए कहा कि यह कानून सामुदायिक संपत्तियों की सुरक्षा और बेहतर प्रशासन के लिए है।
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