उपराष्ट्रपति ने की सीएम मनोहर लाल के व्यक्तित्व की सराहना, कहा- जब जब भी हरियाणा आता हूं, नया अनुभव होता है

Haryana news: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के व्यक्तित्व की सराहना करते हुए उन्हें गीता का सच्चा अनुयायी बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर इनकी पहचान लोगों के लिए मनोहर है तो वहीं ये पारदर्शिता, सुचिता व उत्तरदायित्वता के लिए जाने जाते हैं। मनोहर लाल ने गीता के संदेश को जमीनी स्तर पर सार्थक बनाया है, जब गांव के बच्चे को बिना पैसे के नौकरी का पत्र दिया है।
उपराष्ट्रपति आज अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। जगदीप धनखड़ ने अपनी पत्नी डॉ सुदेश धनखड़, मुख्यमंत्री मनोहर लाल व अन्य गणमान्य अतिथियों के साथ संगोष्ठी का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।
जगदीप धनखड़ ने कहा कि जब-जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल मुझे हरियाणा आने का निमंत्रण देते हैं, तो यहां आकर मुझे हर बार नया अनुभव व ऊर्जा मिलती है। इस बार तो कुरुक्षेत्र की धरा पर आने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा कि जब वर्ष 2014में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुरुक्षेत्र में गीता जयंती कार्यक्रम में आये थे, तो उन्होंने मुख्यमंत्री को गीता के संदेश को देश-विदेश में पहुंचाने का विज़न दिया था और मनोहर लाल वर्ष 2016से लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गीता महोत्सव मना रहे हैं। इस बार के अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में पार्टनर स्टेट असम है, जिससे उत्तरी-पूर्वी राज्यों में गीता का संदेश पहुंचेगा।
वर्तमान केंद्र सरकार गीता गवर्नेंस
धनखड़ ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार को गीता गर्वेंनेंस कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। प्रधानमंत्री गीता में दिए गए संदेश को अपनाते हुए कभी पथ भ्रष्ट नहीं होते और सदैव कर्तव्य करते रहते हैं। गीता में फल प्राप्ति की इच्छा किए बिना कर्म के सिद्धांत पर चलने को कहा गया है। आज भारत तकनीक के क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ गया है, पहले विदेशों से तकनीक खरीदनी पड़ती थी। आज के भारत की विकास यात्रा एक बहुत बड़ा महायज्ञ है, जिसमें हर भारतीय को अपनी आहुति देनी है। हर नागरिक को आज यह संकल्प लेना चाहिए कि मेरे लिए देश सबसे पहले है। उन्होंने कहा कि यह अमृतकाल देश का गौरवकाल है और 2047 तक हमें भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है।
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