ODISHA TRAIN ACCIDENT: याद आया 42 साल पहले हुआ रेल हादसा, 800 लोगों ने गंवाई थी अपनी जान
Train accident: ओडिशा में तीन ट्रेनों के एक साथ टकराने से हुए हादसे ने देश को हिलाकर रख दिया है और सवाल उठ रहे है कि ये हादसा आखिरकार हुआ कैसे? तो बता दें कि हादसे के समय आउटर लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी। हावड़ा से आ रही कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841) जो कि चेन्नई जा रही थी बहानगा बाजार से 300 मीटर पहले डिरेल हुई। वहीं कोरोमंडल एक्सप्रेस का ईंजन मालगाड़ी पर चढ गया।
42 साल पहले हादसे को किया याद
इसके साथ ही कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन की पीछे वाली बोगियां तीसरे ट्रैक पर जा गिरीं। तभी इसी ट्रैक पर तेज रफ्तार से आ रही हावड़ा-बेंगलुरु एक्सप्रेस (12864) ट्रैक पर पड़ी कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों से बहुत तेजी से टकराईं। लेकिन ये कोई पहला बड़ा रेल हादसा नहीं है इससे पहले भी 16 महीने पहले एक रेल हादसा हुआ था। जिसमे कई सैंकड़ों लोगों की जान चली गई थी। वही 42 साल पहले भी एक रेल बड़ा हादसा हुआ था जो इस हादसे से जोड़ा जा रहा है।
दरअसल बिहार में 6जून 1981को यात्रियों से भरी एक ट्रेन मानसी-सहरसा रेल खंड पर बदला घाट-धमारा घाट स्टेशन के बीच बागमती नदी पर बने पुल संख्या-51पर पलट गई थी। इस ट्रेन में कुल 9बोगियां थीं। इस हादसे में 800लोगों की मौत हो गई थी। हादसे को लेकर कहा जाता है कि ट्रेन ने जब कुछ ही दूरी तय की थी कि मौसम खराब हो गया। तेज आंधी के बाद बारिश भी होने लगी।
तब तक ट्रेन रेल के पुल संख्या 51के पास पहुंच गई थी। ट्रेन अपनी रफ्तार से दौड़ रही थी कि तभी अचानक ट्रेन के ड्राइवर ने ब्रेक लगा दी, जिसके बाद पैसेंजर ट्रेन की 9बोगियां पुल से बागमती नदी में जा गिरीं। कई लोगों के शव कई दिनों तक ट्रेन की बोगियों में ही फंसे रहे थे। इस हादसे में मरने वालों की सरकारी आंकड़े के अनुसार संख्या 300थी. लेकिन, स्थानीय लोगों के अनुसार हादसे में 800के करीब लोग मारे गए थे।
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