Thailand-Myanmar Earthquake Update: भूकंप से 100 से ज्यादा की गई जान, बचाव दल बोले- हालात और बिगड़ सकते हैं

Thailand Myanmar Earthquake: शुक्रवार, 28 मार्च 2025 को थाईलैंड और म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया। इस विनाशकारी भूकंप से दोनों देशों में अफरातफरी मच गई। भूकंप का केंद्र म्यांमार के मांडले शहर के पास था। हालात की गंभीरता को देखते हुए म्यांमार सरकार ने छह राज्यों और क्षेत्रों में आपातकाल लागू कर दिया है।
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी तेज झटके महसूस हुए। वहां एक निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत ढह गई, जिससे पूरे इलाके में धूल का विशाल गुबार उठता देखा गया।
भूकंप से भारी तबाही, बचाव कार्य जारी
मांडले शहर में भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक मृतकों की आधिकारिक संख्या की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, बचाव दलों का अनुमान है कि 100 से अधिक लोगों की जान जा सकती है।
रेड क्रॉस ने भी भूकंप से बड़े पैमाने पर नुकसान की पुष्टि की है। संगठन ने कहा, "शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि स्थिति गंभीर है। हम जरूरतमंदों तक जल्द से जल्द मदद पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।"
बैंकॉक में लोगों में दहशत
ग्रेटर बैंकॉक क्षेत्र, जहां 1.70 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं, वहां कई ऊंची इमारतों में झटके महसूस किए गए। बैंकॉक के एक कार्यालय में काम करने वाली अप्रैल कनिचवानाकुल ने बताया कि शुरुआत में उन्हें लगा कि यह हल्की हलचल है। बाद में एहसास हुआ कि यह एक शक्तिशाली भूकंप था।
मांडले में स्थित पूर्व शाही महल और कई ऐतिहासिक इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। यह क्षेत्र भूकंप संभावित माना जाता है, लेकिन यहां आबादी कम है और अधिकतर घर एक या दो मंजिला हैं।म्यांमार की राजधानी नेपीता में भी कई धार्मिक स्थलों और मकानों को नुकसान पहुंचा है। कई मंदिरों के हिस्से ढह गए हैं, और कई घरों में दरारें आ गई हैं।
चीन के युन्नान और सिचुआन तक पहुंचे झटके
भूकंप के झटके म्यांमार से सटे चीन के युन्नान और सिचुआन प्रांतों में भी महसूस किए गए। चीनी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, म्यांमार की सीमा के पास रुइली शहर में कई मकान क्षतिग्रस्त हुए और कई लोग घायल हुए हैं।
राहत कार्यों में जुटी टीमें लगातार मलबा हटाने और घायलों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में लगी हैं। हालांकि, भूकंप के चलते कई इलाकों में संचार सेवाएं बाधित हो गई हैं, जिससे बचाव कार्यों में दिक्कत आ रही है। म्यांमार सरकार ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों से भी मदद मांगी है।
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