‘आंदोलन ने लिए बेची अपनी जमीन…’, जानें कौन हैं मराठा आंदोलन में भूख हड़ताल पर बैठा मनोज पाटिल

Maharashtra news:महाराष्ट्र की राजनीति में फिर से मराठा आरक्षण का मसला शुरू हो गया है। बता दें कि जालना जिले के गांव अंतरवाली सराती में मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन चल रहा है। इस आंदोलन में नेता मनोज जारांगे पाटिल भूख हड़ताल पर बैठ हुए है। हालांकि इस आंदोलन को खत्म करने के लिए आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हो चुके है। जिसमें पुलिस ने आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज करना पड़ा। लेकिन विवाद कम होने की बजाए और बढ़ गया।
इस आंदोलन में राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडवावीस को निशाने पर ले लिया है और मराठा आंदोलनकारी उनका इस्तीफा मांग रहे है। हालांकि पाटिल को सरकार ने बातचीत के लिए भी बुलाया है। इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने एक मीटिंग भी बुलाई है। जिसमें उपमुख्यमंत्री और सीएम एकनाथ शिंदे शामिल होंगे। इस बीच आपको बताते है कि ये मनोज पाटिल है कौन?
कौन हैं भूख हड़ताल पर बैठे मनोज पाटिल
मनोज पाटिल बीते कई सालों से मराठा आंदोलन के लिए सक्रिय है। वह मूलत: बीड़ जिले के मातोरी गांल से आते है। वह राजनीतिक रूप से सक्रिय भी है। वह अपने माता-पिता, तीन भाईयों, पत्नी और चार बच्चों के साथ रहते है। मनोज पाटिल ने 12वीं क्लास में ही पढ़ाई छोड़ दी थी और एक होटल में काम करने लगा था। इसी दौरान वह मराठा आंदोलन के साथ जुड़ा। मराठा आंदोलन का उन्होंने जालना में 2016 और 2018 में नेतृत्व किया था।
2 एकड़ बेचकर आंदोलन में किया था खर्च
वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार, मनोज के पास 4 एकड़ जमीन थी जिसमें से 2 एकड़ बेच दी और उससे मिली रकम को आंदोलन में खर्च कर दिया। मनोज पाटिल ने मराठा आरक्षण से जुड़े 30 से ज्यादा आंदोलन में हिस्सा लिया है। मराठा समुदाय के मसलों को उठाने के लिए मनोज ने शिवबा नाम से एक संगठन भी शुरू किया है।
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