इंडिया VS भारत को लेकर RSS प्रमुख ने दिया बड़ा बयान, कहा- भारत के स्वभाव को स्वीकार करना है

नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर में इंडिया VS भारत को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे देश की युवा पीढ़ी के बूढ़े होने से पहले 'अखंड भारत' या अविभाजित भारत एक वास्तविकता होगी। उन्होंने 'अखंड भारत'का जिक्र करते हुए कहा कि जो लोग भारत से अलग हुए उन्हें लगता है कि उन्होंने गलती की है। भारत होना यानी भारत के स्वभाव को स्वीकार करना है।
‘संघ संविधान में प्रदत्त आरक्षण का पूर्ण समर्थन करता है’
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत मान ने कहा कि हमने अपने ही साथी मनुष्यों को सामाजिक व्यवस्था में पीछे रखा। हमने उनकी परवाह नहीं की और यह लगभग 2,000 वर्षों तक जारी रहा। जब तक हम उन्हें समानता प्रदान नहीं करते, तब तक कुछ विशेष उपाय करने होंगे। आरक्षण हैं उन्हीं में से एक है। जब तक ऐसा भेदभाव है तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए। संघ संविधान में प्रदत्त आरक्षण का पूर्ण समर्थन करता है।
'अखंड भारत' कब अस्तित्व में आएगा
मोहन भागवत ने कहा कि संघ की संस्कृति में जहां भी राष्ट्र के गौरव और राष्ट्रीय ध्वज की बात होगी, संघ के कार्यकर्ता अपने प्राणों की आहुति देने के लिए सदैव आगे रहेंगे।" उन्होंन कहा कि वो यह नहीं बता सकते कि 'अखंड भारत' कब अस्तित्व में आएगा। लेकिन अगर आप इसके लिए काम करते रहेंगे, तो आप बूढ़े होने से पहले इसे साकार होता हुआ देखेंगे।
मोहन भागवत ने कहा कि हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी को हम जहां भी हों, राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। नागपुर में महल और रेशिमबाग में हमारे दोनों परिसरों में ध्वजारोहण किया जाता है। लोगों को हमसे ये सवाल नहीं पूछना चाहिए।
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