कानून मुस्लिमों से भेदभाव करता है’, CAA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मुस्लिम संगठन
                
Citizenship Amendment Act: केंद्र सरकार ने सीएए लागू कर दिया है। सीएए लागू करने के अगले ही दिन इसके खिलाफ मुस्लिम संगठन सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। 12 मार्च को इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) और डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) की तरफ से कहा गया है कि "यह कानून मुस्लिमों से भेदभाव करता है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पेडिंग है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को इसे लागू नहीं करना चाहिए था।" आईयूएमएल की तरफ से उच्च अदालत में सीएए को असंवैधानिक करार दिया गया है और उन्होंने इस दौरान सीएए पर स्टे लगाने की मांग की है।
जारी हुई अधिसूचना
बता दें, लोकसभा चुनाव 2024से पहले केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का नोटिफिकेशन जारी कर दी है। इसके तहत 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलनी शुरू हो जाएगी। CAAके नए कानूनों के तहत, मोदी सरकार अब 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देना शुरू करेगी।
‘यह देश का कानून है’
दरअसल, सीएए को दिसंबर, 2019 में संसद में पारित किया गया था। फिर बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी उस दौरान इसके खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे। ये कानून अब तक इसलिए लागू नहीं हो सका था क्योंकि इसके कार्यान्वयन के लिए नियमों को अब तक अधिसूचित किया जाना बाकी था। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 27 दिसंबर, 2023 को कहा था कि सीएए को लागू होने से कोई नहीं रोक सकता क्योंकि यह देश का कानून है।
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