दिल्ली की तरह ये शहर भी थे प्रदूषण से परेशान, जानें कैसे मिला पॉल्यूशन से छुटकारा?
Global Cities Pollution: दिल्ली की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है। सर्दियां आते ही स्मॉग बढ़ जाता है, जिसकी वजह से सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। इस समय दिल्ली ही नहीं दुनिया के कई बड़े शहरों का हाल दिल्ली जैसा ही है। वहां प्रदूषण इतना बढ़ गया था कि लोग बीमार पड़ने लगे, दृश्यता कम हो गई और मौतों का आंकड़े भी बढ़ गए हैं, लेकिन फिर भी इन शहरों ने हार नहीं मानी। सख्त कानून, नई तकनीक और लोगों की भागीदारी से प्रदूषण पर काबू किया।
मैक्सिको सिटी
मैक्सिको सिटी में प्रदूषण को कम करने के लिए कारों पर नंबर के आधार पर प्रतिबंध लगाया गया। सोमवार से शुक्रवार 20 प्रतिशत कारें सड़क पर नहीं चलेंगी। प्रोएयर रिफॉर्म्स लाया गया, सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट बढ़ाया, वाहनों के उत्सर्जन मानक सख्त किए गए।
लंदन
1956 में ब्रिटेन ने क्लीन एयर एक्ट पास किया इसमें घरों और फैक्ट्रियों से धुआं नियंत्रित किया गया। स्मोक कंट्रोल एरिया बनाए गए, जहां सिर्फ साफ ईंधन इस्तेमाल हो। लोगों को साफ ईंधन के लिए सब्सिडी दी गई। बाद में 1968 में कानून को और सख्त किया। आजकल अल्ट्रा लो एमिशन जोन (ULEZ) है, जहां गंदे वाहनों से पैसे वसूले जाते हैं।
लॉस एंजिल्स
लॉस एंजिल्स को स्मॉग कैपिटल कहा जाता था। 1940-70 के दशक में कारों और फैक्ट्रियों से ओजोन और कण प्रदूषण चरम पर था। गर्मी में स्मॉग फैलता, जो फेफड़ों को जला देता। ये दिल्ली के वाहन प्रदूषण जैसा था। क्लीन एयर एक्ट से शुरुआत हुई. सड़क पर वाहनों के उत्सर्जन पर फोकस। स्मॉग चेक प्रोग्राम बनाया गया। साफ ईंधन का इस्तेमाल होने लगा। बस-ट्रक इंजन साफ किए गए. पोर्ट पर डीजल ट्रकों को हटाया। 1990 से सैकड़ों नीतियां बनीं।
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