Manipur Violence: सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा को लेकर सरकार से मांगा जवाब, जारी किया ये आदेश
Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर मंगलवार को SCमें सुनवाई हुई है। इस दौरान CJIने हाई कोर्ट के पूर्व जजों की एक कमेटी बनाने की बात कही, जो नुकसान, मुआवजा, पीड़ितों के 162 और 164 के बयान दर्ज करने की तारीख आदि का ब्योरा लेगी। CJIने कहा कि 'हम यह भी देखेगी कि किन मामलों-FIRको जांच के लिए CBIको सौंपा जाना चाहिए। सरकार को समाधान के बारे में सोचते हुए हमारे पास आना चाहिए।'
6500 FIRकी जांच CBIको सौंपना असंभव
CJIने कहा कि हम इस कमेटी का दायरा तय करेंगे, जो वहां जाकर राहत और पुनर्वास का जायजा लेगी। हम इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि 6500 FIRकी जांच CBIको सौंपना असंभव है। वहीं, राज्य पुलिस को यह जिम्मेदारी नहीं सौंपी जा सकती।तो हमें क्या करना चाहिए? उस पर विचार करना होगा।
7 अगस्त को होगी मणिपुर मामले की अगली सुनवाई
CJIने कहा कि मणिपुर में मरने वाले सभी लोग हमारे अपने थे। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि मुर्दाघर में अभी भी कई शव हैं जिनका कोई दावेदार नहीं आया है। इन तमाम तथ्यों और दलीलों के बाद अब मणिपुर मामले की अगली सुनवाई सोमवार 7 अगस्त को तय की गई है। इस दौरान DGPको मौजूद रहना होगा।
कोर्ट ने पुछे ये सवाल
मंगलवार को SCमें हुई सुनवाई में कई तथ्य रखे गए, साथ ही कोर्ट की ओर से कई सवाल भी आए। CJIने कहा, 'हमें CBIसे जानना होगा कि CBIके बुनियादी ढांचे की सीमा क्या है, क्या वह यह जांच कर सकती है?वहीं अटॉर्नी जनरल Rवेंकट रमानी ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में ऐसी घटनाएं हो रही हैं जो बेहद परेशान करने वाली हैं। हमें समग्र दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।' हम अदालत की सहायता के लिए शुक्रवार को वापस आएंगे। CBIको आगे बढ़ने दीजिए और देखिए कि क्या तथ्य हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यह गंभीर रूप से चौंकाने वाली स्थिति है। इस युद्ध जैसी स्थिति में आरोप लगाने की बजाय इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि अब क्या कदम उठाए जा सकते हैं। SGने कहा कि 6500 FIRकी जांच CBIको सौंपने से पूरा अमला फेल हो जाएगा।
इसके साथ ही कोर्ट ने अगली सुनवाई में मणिपुर के पुलिस महानिदेशक को कोर्ट में तलब किया है। कोर्ट उनसे सीधे सवाल पूछेगा. FIRका बंटवारा, FIRदर्ज करना, बयान दर्ज कराना, गिरफ्तारी आदि की जानकारी ली जाएगी। CJIने कहा कि हमें पूरे और विस्तृत डेटा के साथ एक नोट तैयार करना चाहिए और अगली तारीख पर कोर्ट को बताना चाहिए, जिसमें ये सारी जानकारी हो. इसके लिए कोर्ट ने अपनी ओर से रिपोर्ट के 6 बिंदु भी बताए हैं।
1. घटना की तारीख
2. जीरो FIR दर्ज करने की तारीख
3. नियमित FIRदर्ज करने की तारीख
4. वह तारीख जिस दिन गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं
5. किस दिन CRPCकी धारा 164 के तहत कोर्ट के सामने बयान दर्ज किये गये
6. गिरफ़्तारी की तारीख
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