ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका करेगा एयर स्ट्राइक! ट्रंप के ऐलान के बाद मीडिल ईस्ट में जंग के आसार
America Vs Iran: मिडिल ईस्ट में एक और बड़ी जंग की आहट सुनाई दे रही है। हमास और इजरायल के बीच पिछले दो सालों से भीषण लड़ाई चल रही है। इस युद्ध में हजारों लोगों की जान जा चुकी है। ऐसे में परमाणु देश बनने की सनक के कारण मिडिल ईस्ट का एक और देश ईरान, इस जंग का हिस्सा बन सकता है। इस बात की आशंका तब और बढ़ गई, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मिडिल ईस्ट से अपने नागरिकों को बाहर निकलने का आदेश दे दिया है। इसके साथ ही मध्य पूर्व में अमेरिकी एबेंसी में रहने वाले कर्मचारियों को भी बाहर निकालने की तैयारी शुरु हो गई है। ट्रंप ने कहा है कि मध्य पूर्व से अमेरिका अपने स्टाफ को बाहर निकाल रहा है। आने वाले समय में ये एक खतरनाक जगह हो सकता है। साथ ही ट्रंप ने कहा कि हम देखेंगे आगे क्या हो सकता है।
क्यों बढ़ रहा तनाव?
ईरान पिछले कई दशकों से परमाणु बम बनाने की तैयारी कर रहा है। हालांकि, अमेरिकी औऱ इजरायली खुफिया एजेंसियों ने हमेशा ही ईरान के इस मकसद को असफल किया है। लेकिन अब माना जाने लगा है कि किसी भी समय ईरान परमाणु परिक्षण कर सकता है। वहीं, आशंका ये भी लगाई जा रही है कि इजरायल, ईरान के रपाणु संयत्र पर एयर स्ट्राइक करने की तैयारी कर रहा है। इजरायल और अमेरिका नहीं चाहता है कि ईरान परमाणु बम संपन्न देश बने। हालांकि, ट्रंप ने ईरान के साथ मिलकर परमाणु समझौते करने की भी कोशिश की थी। लेकिन वो इसमें सफल नहीं हो पाए। ट्रंप के बयानों को अगर हम देखें तो उनका ये सेपष्ट मानना है कि ईरान के पास परमाणु बम नहीं होना चाहिए। बीते दिनों उनसे जब इस बाबत सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ईरान परमाणु बम नहीं बना सकता है, ये बहुत ही सिंपल सी बात है, उनके पास परमाणु बम नहीं हो सकता है।'ऐसे में यह कहा जा सकता है कि ईरान के परमाणु ठिकानों पर इजरायल और अमेरिका मिलकर स्ट्राइक करे सकते हैं।
ईरान भी कर रहा युद्ध की तैयारी
ईरान भी लगातार अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने में लगा हुआ है। बीते दिनों ही ईरान ने चीन को 800 से अधिक बैलेस्टिक मिसाइलों का ऑर्डर दिया है। माना जा रहा है कि ये बैलेस्टिक मिसाइलें ईरान इजरायल के खिलाफ इस्तेमाल कर सकता है। क्योंकि कुछ दिनों पहले ही ईरान ने इजरायल के परमाणु ठिकानों की खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का दावा किया था। हालांकि, इसमें कितनी सच्चाई है, ये किसी को नहीं पता। इसके अलावा ईरान लगातार अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ भी बयानबाजी कर रहा है। ईरान के सर्वोच्च मजहबी नेता खामेनेई ने ट्रंप को लेकर कहा था कि आप कौन होते हैं तेहरान को यह बताने वाले कि हमें परमाणु कार्यक्रम रखना चाहिए या नहीं? अमेरिका का परमाणु प्रस्ताव हमारी शक्ति के सिद्धांत के 100% विरुद्ध है। खामेनेई ने कहा था कि अमेरिका हमारे परमाणु कार्यक्रम को कमज़ोर नहीं कर पाएगा। तेहरान अपने यूरेनियम संवर्धन कार्य को नहीं छोड़ेगा।
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