एक ही महीने में 2 आत्महत्याएं... शारदा यूनिवर्सिटी के बीटेक छात्र ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट से हुआ खुलासा
Sharda University Student Suicide: स्वतंत्रता दिवस की रात, जहां एक तरफ पूरा देश आजादी का जश्न मना रहा था, वहीं दूसरी तरफ शारदा यूनिवर्सिटी के बीटेक का एक छात्रअपने हॉस्टल में बैठकर अपनी ही मौत की कहानी लिख रहा था। वजह... नाकामी का डर या कुछ और? दरअसल, 15 अगस्त को शारदा यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले 24 साल के शिवम ने नॉलेज पार्क स्थित हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। जांच के दौरान फॉरेंसिक टीम और पुलिस अधिकारियों को एक सुसाइड नोट मिला।
सुसाइड नोट में शिवम ने अपनी मौत के पीछे की पूरी कहानी लिखी थी। अपने अंतिम पत्र में छात्र ने लिखा, "जब आप यह पढ़ रहे होंगे, मैं मृत हो चुका होऊंगा। मेरी मौत का निर्णय मेरा है, इसमें किसी का हाथ नहीं है। यह दुनिया मेरे लिए नहीं है, मैं किसी काम का नहीं हूं। मेरी मृत्यु के लिए किसी को जिम्मेदार न ठहराया जाए। मैं उन सभी से माफी मांगता हूं जिन्होंने मुझे प्यार किया। मां-बाप, मुझे माफ करें... मैं आपकी मदद नहीं कर पाया। तनाव और दबाव अब और सहन नहीं कर पा रहा था। लोग डरें नहीं, मेरी मौत के बाद मैं किसी को नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा।"
विश्वविद्यालय की लापरवाही पर परिजनों का गंभीर आरोप
शारदा यूनिवर्सिटी में बीटेक छात्र शिवम की आत्महत्या के बाद उनके परिजनों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि शिवम कई महीनों से कक्षाओं में शामिल नहीं हो रहा था, लेकिन विश्वविद्यालय ने इसकी सूचना परिवार को नहीं दी और लगातार फीस वसूलता रहा। पिता ने दुख जताते हुए कहा कि यदि प्रशासन ने समय रहते सूचित किया होता, तो शायद यह हादसा टाला जा सकता था। सुसाइड नोट में शिवम ने अपनी मृत्यु का निर्णय स्वयं का बताया और किसी को जिम्मेदार न ठहराने की बात लिखी, लेकिन परिजन विश्वविद्यालय की जवाबदेही पर सवाल उठा रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन से संपर्क करने की कोशिश नाकाम रही, क्योंकि अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया।
एक माह में दो आत्महत्याओं से उठे सवाल
शारदा यूनिवर्सिटी में एक माह के भीतर दो छात्रों की आत्महत्या ने संस्थान के माहौल और छात्रों पर दबाव को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। इससे पहले, जुलाई में एक बीडीएस छात्रा ने भी हॉस्टल में आत्महत्या की थी, जिसने अपने सुसाइड नोट में दो प्रोफेसरों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। नॉलेज पार्क क्षेत्र में एक महीने में तीन छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं ने स्थिति की गंभीरता को उजागर किया है। ग्रेटर नोएडा के एडीसीपी सुधीर कुमार ने बताया कि पुलिस ने शिवम के मामले में शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और सुसाइड नोट की जांच कर रही है। परिवार की ओर से अभी कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है, लेकिन पुलिस सभी पहलुओं की गहन जांच कर रही है। छात्र की मौत से परिवार और सहपाठी गहरे सदमे में हैं।
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