मिल गई मंजूरी लेकिन अभी लागू नहीं होगा ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’, जानें इससे जुड़ी पूरी जानकारी
Women Reservation Bill:विशेष सत्र के दूसरे दिन पीएम मोदी ने 27साल से लटके काम को मंजूरी दी। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने महिला आरक्षण बिल को लोकसभा और विधानसभाओं में पास करा लिया है। इस बिल में महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। यदि विधेयक कानून बन गया तो लोकसभा और विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी।
अब महिलाओं को 33फीसदी आरक्षण मिलेगा
दरअसल लोकसभा में फिलहाल 543सीटें हैं। इनमें से 181सीटें महिलाओं के लिए होंगी। इसी तरह विधानसभाओं में 33%सीटें आरक्षित की जाएंगी। यह बिल सभी राज्यों में भी लागू होगा। इसके लिए राज्य की मंजूरी जरूरी नहीं है। इसलिए देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं में महिलाओं को 33फीसदी आरक्षण मिलेगा।
अगर एससी और एसटी की बात करें तो वर्तमान में लोकसभा में एससी के लिए 84और एसटी के लिए 47सीटें आरक्षित हैं। विधेयक के कानून बनने के बाद एससी की 84सीटों में से 28सीटें एससी महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। इसी तरह एसटी की 47सीटों में से 16एसटी महिलाओं के लिए होंगी। हालाँकि, इसके क्रियान्वयन में काफी समय लग सकता है। 2024के लोकसभा चुनाव में महिलाओं के लिए कोई आरक्षण नहीं होगा।
क्या है ये महिला आरक्षण बिल?
दरअसल, इस बिल के मुताबिक संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33फीसदी सीटें आरक्षित होंगी। वहीं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों में से एक तिहाई सीटें एससी-एसटी समुदाय से आने वाली महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। इन आरक्षित सीटों को रोटेशन प्रणाली के माध्यम से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न क्षेत्रों में आवंटित किया जा सकता है।
महिला आरक्षण विधेयक के मुताबिक महिलाओं के लिए सीटों का आरक्षण सिर्फ 15 साल के लिए होगा। एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने सोमवार (18 सितंबर) को बिल पर कांग्रेस का जोरदार बचाव करते हुए कहा कि पहली महिला प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कांग्रेस से थीं और यह कानून भी कांग्रेस द्वारा लाया गया था।
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