फर्जी निकला पूर्व उपमुख्यमंत्री का वोटर आईडी कार्ड! अपने ही दावों में फंसे तेजस्वी यादव, जांच में जुटी चुनाव आयोग
Bihar Election: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने एक चैका देने वाला दावा करते हुए कहा कि उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची से हटा दिया गया है। उन्होंने बताया कि उनके पास मौजूद वोटर आईडी कार्ड और उसके नंबर की जांच करने पर उनका नाम सूची में नहीं मिला। तेजस्वी ने इसे लोकतंत्र पर सवाल उठाने वाला कदम करार दिया। हालांकि, केंद्रीय चुनाव आयोग ने उनके दावों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि तेजस्वी का नाम 1अगस्त को जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची में मौजूद है।
चुनाव आयोग की जांच, फर्जी हो सकता है वोटर आईडी
चुनाव आयोग ने तेजस्वी के दावे की गहराई से पड़ताल शुरू कर दी है। आयोग के मुताबिक, तेजस्वी ने 2020के विधानसभा चुनाव में अपने हलफनामे में EPIC नंबर RAB0456228दर्ज कराया था, जो वर्तमान ड्राफ्ट सूची में भी मौजूद है। लेकिन तेजस्वी द्वारा बताया गया दूसरा EPIC नंबर RAB2916120कहीं रिकॉर्ड में नहीं है। आयोग ने आशंका जताई कि यह वोटर आईडी फर्जी हो सकता है, क्योंकि इसका कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं मिला। इस मामले में जांच तेज कर दी गई है, और अगर यह फर्जी पाया गया तो तेजस्वी की कानूनी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
आयोग का पलटवार, तेजस्वी के आरोप निराधार
चुनाव आयोग ने तेजस्वी के SIR (Special Intensive Revision) प्रक्रिया पर सवाल उठाने को भी खारिज किया। आयोग ने कहा कि शुद्ध मतदाता सूची लोकतंत्र की नींव है और 1 अगस्त से 1 सितंबर तक दावे-आपत्तियां दर्ज की जा सकती हैं। आयोग ने तेजस्वी को सलाह दी कि वे अपनी पार्टी के 47,506 BLA (बूथ लेवल एजेंट्स) के जरिए शिकायत दर्ज कराएं। आयोग ने जोर देकर कहा कि पिछले 24 घंटों में तेजस्वी की ओर से कोई शिकायत नहीं आई, और उनके सभी आरोप बेबुनियाद हैं।
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