पीएम मोदी के कनाडा दौरे से पहले खालिस्तानियों के खिलाफ प्रोजेक्ट पेलिकन लॉन्च, नौ गिरफ्तार
Action Against Khalistani: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी महीने G7 सम्मेलन में शामिल होने के लिए कनाडा जाएंगे। इससे पहले कनाडा में खालिस्तानियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। कनाडाई पीएम मार्क कार्नी के आदेश पर 'प्रोजेक्ट पेलिकन'शुरु किया गया, जिसके तहत खालिस्तानिय़ों को पकड़ा जा रहा है। कनाडाई पुलिस ड्रग कार्टल और आतंकी गतिविधि में शामिल होने वाले खालिस्तानियों को पकड़ रहे हैं। गौरतलब है कि पीएम मार्क कार्नी ने यह स्पष्ट किया था कि G7समिट में पीएम मोदी हिस्सा लेंगे। इस घोषणा के बाद कनाडा के कई इलाकों में खालिस्तानियों ने प्रदर्शन करना शुरु कर दिया था। इस प्रदर्शन के दौरान कई खालिस्तानियों ने पीएम मोदी को जान से मारने की धमकी देते दिख रहे थे। इन्हीं प्रदर्शनों के बाद कनाडा सरकार ने खालिस्तानियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।
कई लोग गिरफ्तार
बुधवार को देर रात प्रोजेक्ट पेलिकन के तहत कनाडा पुलिस ने आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने 479 किलो कोकीन जब्त की है। जिसकी कीमत करीब 47.9 मिलियन डॉलर है। इसके साथ पुलिस ने इस ऑपरेशन के तहत नौ भारतीय मूल के खालिस्तानियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए सदस्यों में सजगित योगेंद्रराजा (31), मनप्रीत सिंह (44), फिलिप टेप (39), अरविंदर पोवार (29), करमजीत सिंह (36), गुरतेज सिंह (36), सरताज सिंह (27), शिव ओंकार सिंह (31) और हाओ टॉमी हुइन्ह (27) शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आम ट्रकों में डालकर ड्रग्स को अमेरिका भेजा जाता था। ड्रग तस्करों के मेक्सिको कार्टेल और अमेरिका में ड्रग वितरकों के संबंध थे। जानकारी के अनुसार, ड्रग से आने वाले पैसों का इस्तेमाल विरोध प्रदर्शन, जनमत संग्रह और हथियारों की खरीद के लिए किया जाता है। खुफिया एजेंसी को यह अंदेशा है कि इस पूरे कार्टल में खालिस्तानियों को ISI समर्थन कर रही है।
कब होना है G7 समिट?
जी7 समिट कनाडा के अल्बर्टा स्थित कनानास्किस में 15 से 17 जून से आयोजित होगी। इसमें फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल होंगे। इसके अलावा इस समिट में शामिल होने के लिए पीएम मोदी को विशेष न्योता दिया गया है। पिछले कई सालों से भारत को विशेष न्योता दिया जाता रहा है। इस समिट में भारत के शामिल होने के पीछे का कारण बताते हुए पीएम कार्नी ने कहा शिखर सम्मेलन उभरते और विकासशील देशों के साथ मजबूत साझेदारी बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और वैश्विक आपूर्ति शृंखला का अहम हिस्सा है, इसलिए भारत को इस सम्मेलन में शामिल होना चाहिए।
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