भारत-पाक सीमा पर बाढ़ ने मचाई तबाही, नदियों के उफान से डूबा अटारी बॉर्डर; कई लाख लोग हुए बेघर
Indo-Pak Border: इस समय पूरा देश मॉनसून की तबाही में डूब गया है। भारत क्या पाकिस्तान क्या...हर जगह भारी बारिश का कहर जारी है। अटारी-वाघा बॉर्डर, जो भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण रास्ता है, इस वक्त पूरी तरह जलमग्न हो गया है। रावी और सतलुज जैसी नदियों में उफान के कारण सीमा के दोनों ओर बाढ़ ने हजारों लोगों को बेघर कर दिया है। खास तौर पर पाकिस्तानी पंजाब में स्थिति अत्यंत गंभीर है, जहां 2 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। तो वहीं, भारत के पंजाब में भी कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
पाकिस्तानी पंजाब में बाढ़ का कहर
बता दें, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मॉनसून की बारिश और भारत से छोड़े गए पानी ने मिलकर स्थिति को और भयावह बना दिया है। एक रिपोर्ट की मानें तो जून 2025 से शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने अब तक 800 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। इसके अलावा पंजाब में 2,10,000 से ज्यादा लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। रावी, सतलुज और चिनाब नदियों के किनारे बसे गांव पूरी तरह डूब गए हैं। तो वहीं, कई इलाकों में बुनियादी ढांचा पूरी तरह तबाह हो चुका है। करतारपुर कॉरिडोर के पास भी तेज बहाव वाला पानी दोनों देशों के लिए खतरा बना हुआ है।
इस तबाही के बाद पाकिस्तान सरकार ने बाढ़ से निपटने के लिए सेना को तैनात किया है। राहत शिविरों में हजारों लोग शरण ले रहे हैं, लेकिन स्वच्छ पानी, भोजन और चिकित्सा सुविधाओं की कमी ने स्थिति को और जटिल कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने राहत कार्यों में सहायता शुरू की है, जिसमें स्वच्छता किट और रोग निगरानी शामिल हैं।
भारत में बाढ़ का प्रभाव
दूसरी तरफ, भारत के पंजाब में भी स्थिति कम गंभीर नहीं है। गुरदासपुर, पठानकोट और तरनतारन जैसे जिलों में नदियों के उफान पर होने से कई गांव जलमग्न हो गए हैं। धूसी बांध के टूटने से बाढ़ का पानी और तेजी से फैला, जिससे हजारों लोग बेघर हो गए। अटारी-वाघा बॉर्डर पर आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है, जिससे दोनों देशों के बीच सुरक्षा चिंताएं भी बढ़ गई हैं। पठानकोट में राधा स्वामी सत्संग ब्यास को निकासी केंद्र बनाया गया है, जहां लोगों को स्थानांतरित किया जा रहा है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने केंद्र सरकार से सहायता की मांग की है। हेलीकॉप्टरों के जरिए प्रभावित क्षेत्रों में भोजन, पानी, और दवाइयां पहुंचाई जा रही हैं। जम्मू-कश्मीर में भी बाढ़ और भूस्खलन ने हालात बिगाड़ दिए हैं, जहां वैष्णो देवी तीर्थयात्रा मार्ग पर कम से कम 30 लोगों की मौत की खबर है।
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