MP Elections: I.N.D.I.A गठबंधन के सामने खड़ी हुई नई मुसीबत, MP में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस-सपा में मतभेद!

MP Elections: साल के अंत तक मध्य प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं। चुनाव को लेकर सभी पार्टियां जोर आजमाइश में जुटी हैं। इसी बीच I.N.D.I.A. गठबंधन के सामने नई मुश्किल खड़ी हो गई है। दरअसल, मध्य प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में सीटों के बंटवारे को लेकर मतभेद हो गया है। जहां एक तरफ अखिलेश यादव ने सवाल उठाए हैं कि कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि I.N.D.I.A गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर है या राज्य स्तर पर है।
अगर यह राज्य स्तर पर नहीं है तो भविष्य में अन्य राज्यों के स्तर पर भी नहीं होगा। तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का कहना है कि I.N.D.I.A गठबंधन “केंद्रीय स्तर” पर है, लेकिन सपा के साथ बातचीत अभी भी जारी है और दोनों दलों को भाजपा को हराने का प्रयास करना चाहिए। अगर ये मतभेद बढ़ता है तो इसका सीधा असर 2024 के लोकसभा चुनाव पर पड़ सकता है।
कांग्रेस को करना चाहिए स्पष्ट
जहां एक तरफ बीजेपी को हराने के लिए विपक्ष नेएकजुट होकर I.N.D.I.Aगठबंधन किया वहीं अब इस गठबंधन पर मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सीटों को लेकर उभरे मतभेद ने संकट के बादल घेर दिए हैं। एक तरफ अखिलेश यादव कह रहे हैं कि कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या I.N.D.I.A गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर है या राज्य स्तर पर है। यदि यह राज्य स्तर पर नहीं है तो भविष्य में अन्य राज्यों के स्तर पर भी नहीं होगा। मैं 2024में यूपी के लिए सीट बंटवारे के सौदे की फर्जी मीडिया रिपोर्टें सुनता रहता हूं। मैं आपसे कहना चाहता हूं कि सपा पूरी जिम्मेदारी के साथ यूपी की सभी 80सीटों पर भाजपा को हराने की रणनीति तैयार कर रही है।”
किस्मत आजमाना चाहती है सपा
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का कहना है कि I.N.D.I.A गठबंधन “केंद्रीय स्तर” पर है, लेकिन सपा के साथ बातचीत अभी भी जारी है और दोनों दलों को भाजपा को हराने का प्रयास करना चाहिए। इसके साथ हीयूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने कहा है कि अखिलेश यादव को मध्य प्रदेश में नहीं लड़ना चाहिए। क्योंकि कांग्रेस वहां मजबूत स्थिति में है। साथ ही कांग्रेस सूत्रों का यह भी कहना है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में सपा ने मध्य प्रदेश में केवल एक सीट जीती थी और उसे अपनी मांगों को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताना चाहिए क्योंकि राज्य में उसकी अपील सीमित है। दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी को लगता है कि यूपी-एमपी सीमा के करीब एमपी की सीटों पर उसकी अच्छी संभावनाएं है इसलिए वह अपनी किस्मत आज़माना चाहती है।
गौरतलब है कि इस मतभेद का सीधा असर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों पर पड़ेगा। क्योंकि कहा जाता है कि दिल्ली की गद्दी का रास्ता यूपी से होकर जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यूपी से सबसे अधिक सांसद चुने जाते हैं। और यूपी में कांग्रेस से ज्यादा अच्छी पकड़ सपा की है।
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