विदेश से आने वाले मुसलमानों को CAA से नहीं, बल्कि इन 4 तरीकों से मिल सकती है भारतीय नागरिकता!
Indian Citizenship For Muslim Foreigners: केंद्र सरकार ने सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना जारी कर दी। अब बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले आए अल्पसंख्यकों को (हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी) नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे। ऐसे में ये सवाल उठता है कि बाहर से आए मुसलमानों का क्या?वो भारतीय नागरिकता के लिए कैसे आवेदन कर सकते हैं?
बता दें कि, भारतीय नागरिकता से जुड़े मामले गृह मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं। नागरिकता अधिनियम 1955 (2003 में संशोधित) के तहत, कोई व्यक्ति चार तरीकों से भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकता है। आइए जानते हैं क्या हैं वो तरीके?
जन्म के आधार पर नागरिकता
एक व्यक्ति जिसका जन्म 26.1.1950 को या उसके बाद लेकिन नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2003 के लागू होने से पहले भारत में हुआ हो और जिसके माता-पिता में से कोई एक भारत का नागरिक हो, वह जन्म से भारत का नागरिक होगा। हालाँकि, एक शर्त यह है कि उसके माता-पिता में से कोई भी अवैध अप्रवासी नहीं होना चाहिए।
वंश के आधार पर नागरिकता
भारत के बाहर पैदा हुए व्यक्ति को भी नागरिकता मिल सकती है। इसमें शर्त यह है कि उस व्यक्ति के माता-पिता दोनों या एक भारतीय नागरिक होने चाहिए न कि अवैध प्रवासी। साथ ही उस व्यक्ति के जन्म का पंजीकरण विदेश स्थित भारतीय मिशन/पोस्ट में कराना भी अनिवार्य है। अगर माता-पिता बच्चे का पंजीकरण उसके जन्म के एक साल बाद कराते हैं तो ऐसी स्थिति में भारतीय गृह मंत्रालय की अनुमति की आवश्यकता होती है।
रजिस्ट्रेशन के आधार पर
गृह मंत्रालय के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति अवैध प्रवासी नहीं है और वह इनमें से किसी भी श्रेणी में आता है तो उसे नागरिकता दी जा सकती है।
- भारतीय मूल का व्यक्ति जो आवेदन करने के 7 साल पहले से भारत में रह रहा हो।
- भारतीय मूल का व्यक्ति जो सामान्यतः अविभाजित भारत के बाहर किसी देश या स्थान का निवासी है।
- वो व्यक्ति जिसने भारतीय नागरिक से शादी की है और आवेदन करने से पहले 7 साल तक भारत में सामान्य रूप से रह रहा हो।
- उन व्यक्तियों के नाबालिग बच्चे जो भारत के नागरिक हैं।
- जिसके माता-पिता सिटीजनशिप एक्ट के खंड 5(ए) या 6(1) के तहत भारतीय नागरिक के रूप में पंजीकृत हैं।
- वो व्यक्ति जो 5 सालों से भारत के प्रवासी नागरिक (OCI) के रूप में पंजीकृत है, और आवेदन करने से पहले दो सालों से भारत में रह रहा हो।
नेचुरलाइजेशन द्वारा नागरिकता
व्यक्ति सिटीजनशिप एक्ट के तीसरे शेड्यूल के प्रावधानों के तहत नेचुरलाइजेशन द्वारा नागरिकता के लिए गृह मंत्रालय में आवेदन कर सकता है। नेचुरलाइजेशन के लिए व्यक्ति को कुछ योग्यताओं को पूरा करना होता है-
- उसे किसी भी ऐसे देश का नागरिक नहीं होना चाहिए जहां भारत के नागरिकों को देश के कानून नेचुरलाइजेशन के जरिए नागरिक बनने से रोका जाता है।
- अगर वह किसी भी देश का नागरिक है और वो वचन देता है कि भारतीय नागरिकता हासिल होने के बाद वो उस देश की नागरिकता को त्याग देगा।
- गृह मंत्रालय में नागरिकता के लिए एप्लिकेशन देने से लगातार 12महीने पहले व्यक्ति भारत में रहा हो या भारतीय सरकार की सेवा में रहा हो।
- अप्लाई करने से ठीक 12महीने से भी पहले के चौदह सालों के दौरान वह या तो भारत में रहा हो या भारत सरकार की सेवा में रहा हो। आंशिक रूप से इन दोनों स्थितियों में उसे कुल मिलाकर 11साल का समय होना अनिवार्य है।
- उसका अच्छा चरित्र होना अनिवार्य है।
- उसे संविधान की आठवीं अनुसूची में दी हुई कम से कम एक भाषा का पर्याप्त ज्ञान हो। आठवीं अनुसूची में संस्कृत, पंजाबी। बंगाली, हिंदी जैसी भाषाएं शामिल हैं।
- नेचुरलाइजेशन के जरिए नागरिक मिल जाने की स्थिति में, वह भारत में रहने, या भारत सरकार में सेवा जारी रखने का इरादा रखता है।
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