India-US Drone Deal: भारत और अमेरिका के बीच MQ-9B Reaper ड्रोन के सौदे से पहले, कीमतों में 27 प्रतिशत की कमी
India-US Drone Deal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका की निर्धारित यात्रा से कुछ दिन पहले, रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से 'प्रीडेटर (MQ-9 Reaper) ड्रोन' प्राप्त करने के सौदे को मंजूरी दे दी गई थी। अब इस सौदे को लेकर केंद्र सरकार के एक उच्चअधिकारी ने गुरुवार को दावा किया कि अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स ने भारते को बेचने वाले एमक्यू-9बी लॉन्ग एंड्योरेंस ड्रोन की कीमत से 27प्रतिशत कम रखी है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अभी तक भारत और अमेरिका के बीच हुए इस सौदे की कीमत को लेकर बातचीत शुरू नहीं हुई है। क्योंकि इनमें से 31ड्रोन के प्रस्तावित अधिग्रहण की दिशा में फिलहाल रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 15 जून को ड्रोन की जरूरतों को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कीमत का मुद्दा इसका हिस्सा नहीं है।
अमेरिकी सरकार की ओर से बनाए गए ड्रोन की सांकेतिक लागत 3,072मिलियन अमेरिकी डॉलर है। वहीं प्रत्येक ड्रोन की किमत 99 मिलियन अमेरिकी डॉलर बैठता है।इसकेसाथ ही यह भी कहा कि इसे रखने वाले कुछ देशों में से एक संयुक्त अरब अमीरात को प्रति ड्रोन 161 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत आती है। उन्होंने कहा कि भारत जिस एमक्यू-9बी को खरीदना चाहता है।
अमेरिका द्वारा खरीदे गए इनमें से 16 ड्रोनों में से प्रत्येक की कीमत 69अमेरिकी डॉलर थी, लेकिन सेंसर, हथियार और प्रमाणन के बिना केवल एक "विमान" था। उन्होंने कहा, सेंसर, हथियार और पेलोड जैसी सुविधाओं के बाद इसकी कुल लागत का 60-70प्रतिशत हिस्सा बनाती हैं।यहां तक कि अमेरिका ने उनमें से पांच को 119मिलियन अमेरिकी डॉलर में हासिल किया।
भारत और अमेरिका के बीच बड़े सौदे के कारण और इस तथ्य के कारण कि निर्माता ने अपने शुरुआती निवेश का एक बड़ा हिस्सा पहले के सौदों से वसूल कर लिया है,इसलिए इंडियाके लिए कीमत दूसरों की तुलना में कम हो रही है।हालाँकि, उन्होंने कहा कि भारत को इन ड्रोनों के साथ अपने कुछ रडार और मिसाइलों को एकीकृत करने की आवश्यकता हो सकती है, जिससे कीमत में संशोधन हो सकता है।
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