छोटे अपराधों को 'अपराध-मुक्त' करने की पहल, लोकसभा में पेश होगा जन विश्वास (संशोधन) विधेयक 2025
Jan Vishwas Bill 2025: भारत सरकार छोटे और तकनीकी प्रकृति के अपराधों को अपराध-मुक्त करने की दिशा में एक अहम कदम उठाने जा रही है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल सोमवार को लोकसभा में जन विश्वास (संशोधन) विधेयक 2025पेश करेंगे। यह विधेयक कारोबारी सुगमता (Ease of Doing Business) को बढ़ावा देने और नागरिकों पर अनावश्यक कानूनी बोझ को कम करने के उद्देश्य से लाया जा रहा है। इस विधेयक के माध्यम से 350से ज्यादा प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव है।
जन विश्वास (संशोधन) विधेयक क्या है?
बता दें, जन विश्वास (संशोधन) विधेयक 2025सरकार के उस व्यापक एजेंडे का हिस्सा है, जो भारत को वैश्विक स्तर पर एक आकर्षक निवेश गंतव्य बनाने और कारोबारी माहौल को बेहतर करने पर केंद्रित है। यह विधेयक मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे पहलों को और मजबूती प्रदान करेगा। साथ ही, यह छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए अनुपालन प्रक्रियाओं को सरल बनाकर उन्हें प्रोत्साहन देगा।
जन विश्वास (संशोधन) विधेयक का उद्देश्य
जन विश्वास (संशोधन) विधेयक 2025का मुख्य लक्ष्य उन छोटे-मोटे अपराधों को अपराध-मुक्त करना है, जो तकनीकी या प्रक्रियात्मक उल्लंघनों से संबंधित हैं। इनमें मुख्य रूप से वे उल्लंघन शामिल हैं, जो गंभीर आपराधिक गतिविधियों की श्रेणी में नहीं आते और जिनका निपटारा जुर्माना या प्रशासनिक उपायों से किया जा सकता है। इस कदम से न केवल कारोबारी समुदाय को राहत मिलेगी, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी कानूनी प्रक्रियाओं का सरलीकरण होगा।
इससे पहले साल 2023 में जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अधिनियम पारित किया गया था। जिसके तहत 19 मंत्रालयों और विभागों द्वारा प्रशासित 42 केंद्रीय अधिनियमों के 183 प्रावधानों को ‘अपराध-मुक्त’ कर दिया गया था। इस अधिनियम के माध्यम से सरकार ने कुछ प्रावधानों में कारावास और जुर्माने को हटा दिया था। जबकि कुछ नियमों में कारावास को हटाकर जुर्माने को बरकरार रखा गया। वहीं, कुछ मामलों में कारावास और जुर्माने को मात्र जुर्माने में बदल दिया गया था।
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