भारत को लेकर यूनुस सरकार का बड़ा बयान, तीस्ता जल बंटवारे को लेकर दिए सकारात्मक संकेत
India-Bangladesh International Relation:भारत के साथ रिश्ते सुधारने के संकेत बांग्लादेश ने दे दिए हैं। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने तीस्ता नदी को लेकर बड़ा बयान दिया है। सरकार ने कहा कि जल्द ही सीमा पार नदियों जल बंटवारे के लिए भारत से बातचीत की जाएगी।
बांग्लादेश की सरकारी समाचार एजेंसी ने एक रिपोर्ट जारी किया है। जिसमें अतंरिम सरकार के सलाहकार के बयान को बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरिम सरकार की जल संसाधन सलाहकार सईदा रिजवाना हसन ने कहा भारत से बातचीत की जाएगी। भारत के साथ सीमा पार नदियों के जल बंटवारे पर बातचीत की कोशिश करेगा। उन्होंने कहा कि बातचीत जनता की राय पर विचार करने के बाद की जाएगी। बातचीत के नतीजों को लोगों के साथ साझा किया जाएगा।
तीस्ता नदी को लेकर मोहम्मद यूनुस का रुख
इस महीने की शुरूआत में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भी बयान जारी किया है। मोहम्मद यूनुस ने कहा था कि लंबे समय से लंबित तीस्ता जल बंटवारा संधि पर भारत के साथ मतभेदों को सुलझाने के तरीके तलाशी जाएगी। उन्होंने कहा था कि जल बंटवारे पर बैठे रहने से कोई फायदा नहीं होगा। अगर मुझे पता हो कि मुझे कितना पानी मिलेगा। भले ही मैं उसकी मात्रा से खुश न भी होऊं और हस्ताक्षर कर दूं। तो भी यह बेहतर होगा की मुद्दा सुलझाया जाए।
दशकों से लंबित है तीस्ता जल बंटवारा
बता दें कि 414 किलोमीटर लंबी तीस्ता नदी हिमालय के करीब सात हजार ऊंचाई पर स्थित पाहुनरी ग्लेशियर से निकलती है। तीस्ता नदी सिक्किम के रास्ते से भारत में प्रवेश करती है और पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश जाती है। भारत और बांग्लादेश 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ढाका यात्रा के दौरान तीस्ता जल बंटवारे पर एक समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले थे, लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने राज्य में पानी की कमी का हवाला देते हुए इसका समर्थन करने से इनकार कर दिया था जिससे यह समझौता होते-होते रह गया था।
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