डिफेंस से लेकर आर्थिक साझेदारी तक...पुतिन दौरे में भारत को होगा फायदा, कई बड़े समझौते होंगे सील
Putin India Visit 2025: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का 4-5दिसंबर 2025को भारत दौरा दोनों देशों के बीच 'विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी' को मजबूत करने का एक शानदार अवसर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन के बीच होने वाली वार्ता में रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और अन्य क्षेत्रों में सहयोग पर जोर होगा। इस दौरे से भारत को रक्षा क्षमताओं में वृद्धि, आर्थिक लाभ और वैश्विक स्तर पर संतुलन बनाने में मदद मिलेगी, खासकर अमेरिकी दबाव के बीच। सूत्रों के अनुसार, इस दौरान 8अंतर-सरकारी समझौते और 15व्यावसायिक डील साइन होने की उम्मीद है।
S-400और अन्य हथियार सौदे
पुतिन के दौरे का मुख्य फोकस रक्षा सहयोग पर है। भारत रूस से अतिरिक्त S-400वायु रक्षा प्रणालियां खरीदने पर विचार कर रहा है, जिसमें 2-3अतिरिक्त रेजिमेंट शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा तकनीकी हस्तांतरण के साथ मिसाइलों का स्थानीय उत्पादन भी चर्चा में है, जो भारत की रक्षा उद्योग को मजबूत करेगा। RELOS (रिसीप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक्स सपोर्ट) समझौता भी साइन होगा, जो दोनों देशों के सैन्य जहाजों, विमानों और बलों की आवाजाही को आसान बनाएगा। इससे भारत की सीमा सुरक्षा, विशेषकर चीन के खिलाफ, मजबूत होगी।
श्रम गतिशीलता समझौता
दौरे का केंद्रबिंदु इंडिया-रूस लेबर मोबिलिटी एग्रीमेंट है, जो निर्माण, प्रौद्योगिकी और विनिर्माण क्षेत्रों में कुशल और अर्ध-कुशल भारतीय कामगारों को रूस में रोजगार देगा। रूस में 3.1मिलियन नौकरियों की कमी है और यह समझौता भारतीयों को नए अवसर प्रदान करेगा, साथ ही रेमिटेंस बढ़ाएगा।
परमाणु ऊर्जा सहयोग
दोनों देश स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टरों (SMRs) पर सहयोग बढ़ाएंगे, जिसमें भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग और रूस की रोसाटॉम के बीच 5स्वदेशी SMRs पर चर्चा होगी। इससे भारत की स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को बल मिलेगा और ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी।
2030तक 100अरब डॉलर का लक्ष्य
रूसी-भारतीय आर्थिक सहयोग के रणनीतिक क्षेत्रों के विकास के लिए कार्यक्रम 2030तक अपनाया जाएगा, जो द्विपक्षीय व्यापार को 68.7अरब डॉलर से 100अरब डॉलर तक पहुंचाएगा। इसमें उद्योग, नवाचार, स्वास्थ्य, खनन, अंतरिक्ष और परिवहन शामिल हैं।
सखालिन-1में हिस्सेदारी और तेल आयात
भारत सखालिन-1परियोजना में ONGC विदेश लिमिटेड की 20%हिस्सेदारी बहाल करने पर जोर देगा। साथ ही, रूसी तेल आयात को जारी रखने पर चर्चा होगी, जो भारत की ऊर्जा जरूरतों को सस्ते दाम पर पूरा करता है।
ईएईयू के साथ मुक्त व्यापार समझौता
भारत-यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (EAEU) FTA पर प्रगति होगी, जो भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी टैरिफ से बचाएगा और रूसी बाजार में पहुंच बढ़ाएगा। इससे कृषि उत्पाद, प्रसंस्कृत भोजन और मशीनरी निर्यात बढ़ेगा।
शिपिंग, कृषि सहयोग और विज्ञान
दोनों देश शिपिंग और कृषि क्षेत्रों में समझौते करेंगे, जिसमें चेन्नई से व्लादिवोस्तोक तक पूर्वी समुद्री गलियारे का उपयोग शामिल है। इससे भारत के कृषि निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और लॉजिस्टिक्स सुधरेगा। इसके अलावा विज्ञान, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और संस्कृति में सहयोग बढ़ेगा, जिसमें भारत में RT टीवी चैनल का लॉन्च शामिल है। वैश्विक सुरक्षा पर संयुक्त बयान से भारत की कूटनीतिक स्थिति मजबूत होगी।
दुनिया
देश
कार्यक्रम
राजनीति
खेल
मनोरंजन
व्यवसाय
यात्रा
गैजेट
जुर्म
स्पेशल
मूवी मसाला
स्वास्थ्य
शिक्षा
शिकायत निवारण
Most Popular
Leave a Reply