लाल सागर में केबल कटने से भारत समेत कई देशों में इंटरनेट संकट, हूती विद्रोहियों पर शक

Internet Connection: लाल सागर में रविवार को समुद्र के नीचे बिछी फाइबर ऑप्टिक केबल्स के कटने से भारत, पाकिस्तान सहित एशिया और पश्चिमी देशों में इंटरनेट सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। नेटब्लॉक्स ने बताया कि सऊदी अरब के जेद्दा के पास SMW4और IMEWE केबल सिस्टम में खराबी के कारण यह संकट पैदा हुआ, जो वैश्विक इंटरनेट ट्रैफिक का 17%हिस्सा संभालते हैं।
माइक्रोसॉफ्ट ने भी अपने स्टेटस पेज पर पुष्टि की कि पश्चिम एशिया में इंटरनेट स्पीड में कमी आई है, हालांकि गैर-पश्चिमी एशियाई ट्रैफिक पर कोई असर नहीं पड़ा। विशेषज्ञों का कहना है कि इस घटना के पीछे यमन के हूती विद्रोहियों का हाथ हो सकता है, जो गाजा युद्ध में इजरायल पर दबाव बनाने के लिए ऐसी कार्रवाइयां कर सकते हैं।
हूती विद्रोहियों पर गहराया संदेह
हूती विद्रोहियों पर लाल सागर में केबल्स को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने का शक है, जिसे वे इजरायल-हमास युद्ध को खत्म करने के लिए दबाव की रणनीति मान रहे हैं। हालांकि, हूतियों ने पहले ऐसे आरोपों से इनकार किया था, लेकिन उनके समर्थित अल-मसीरा न्यूज चैनल ने रविवार को केबल कटने की घटना की पुष्टि की। 2024में यमन की निर्वासित सरकार ने भी हूतियों पर समुद्री केबल्स को निशाना बनाने की योजना का आरोप लगाया था। सऊदी अरब और यूएई (दुबई, अबू धाबी) में भी इंटरनेट उपयोगकर्ताओं ने धीमी स्पीड की शिकायत की, लेकिन वहां के अधिकारियों ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया।
केबल सिस्टम और प्रभावित देश
क्षतिग्रस्त केबल्स में SEACOM/TGN-EA, AAE-1और EIG शामिल हैं, जिनका संचालन टाटा कम्युनिकेशंस (SMW4) और अल्काटेल-लूसेंट (IMEWE) की देखरेख में होता है। इन कंपनियों ने अभी कोई बयान जारी नहीं किया है। यह घटना वैश्विक डिजिटल ढांचे की कमजोरियों को उजागर करती है, क्योंकि लाल सागर की केबल्स एशिया-यूरोप डेटा ट्रांसफर के लिए महत्वपूर्ण हैं। नेटब्लॉक्स के अनुसार, भारत और पाकिस्तान में इंटरनेट कनेक्टिविटी पर खासा असर पड़ा है। मरम्मत में समय लग सकता है, जिससे यूजर्स को बफरिंग और वेबसाइट्स खोलने में देरी का सामना करना पड़ सकता है।
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