Sharad Purnima 2023: सिर्फ धार्मिक ही नहीं शरद पूर्णिमा का है वैज्ञानिक महत्व, सेहत को मिलते हैं ये लाभ

Sharad Purnima 2023 : शरद पूर्णिमा का सनातन धर्म में काफी महत्व है। साल भर में 12 पूर्णिमा आती है उन सभी में सबसे खास अश्विन माह की पूर्णिमा मानी जाती है। शरद पूर्णिमा का पर्व आज यानि 28 अक्टूबर को मनाया जाएगा। ऐसा माना जाता है इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत गिरता है। धार्मिक मान्यता है कि शरद पूर्णिमा ही वो दिन है जब चंद्रमा अपनी 16कलाओं के साथ धरती पर अमृत की वर्षा करता है। ये किरणें सेहत के लिए बेहद लाभप्रद मानी गई हैं। ऐसा कहते हैं कि रावण शरद पूर्णिमा की रात किरणों को शीशे के माध्यम से अपनी नाभि पर ग्रहण करता था, इस प्रक्रिया से उसे पुनर्योवन शक्ति मिलती थी। वहीं शरद पूर्णिमा का वैज्ञानिक महत्व भी है।
विटामिन
कहते हैं शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है। इस दिन चंद्रमा के किरणों में खास प्रकार के विटामिन होते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस दिन चांद के रोशनी में खीर रखकर उसका सेवन करने से विषाणु दूर होते हैं।
इम्यूनिटी को देता है बढ़ावा
दूध में लैक्टिक एसिड पाया जाता है। ये तत्व किरणों से अधिक मात्रा में शक्ति का शोषण करता है और वहीं चावल में स्टार्च होता है जिसकी वजह से ये प्रक्रिया और भी आसान हो जाती है। इससे ऊर्जा शक्ति और इम्यूनिटी की क्षमता बढ़ती है।
बैक्टीरिया रोधी गुण
रिसर्च में पाया गया है कि चांदी के बर्तन में बैक्टीरिया रोधी गुण पाए जाते हैं जो हवा में हानिकारक बैक्टीरिया से भोज की सुरक्षा करते हैं।
दूर होती हैं आंखों की परेशानियां
ऐसा कहते हैं कि शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की किरणें शीतल होती है, इनका प्रकाश तेज होता है। ऐसे में इस दिन खुली आंखों से चांद को देखने से आंखों से संबंधी परेशानियां दूर होती है। वहीं इस रात 10 से मध्यरात्रि 12 बजे के बीच कम वस्त्रों में घूमने वाले व्यक्ति को औषधियां और ऊर्जा मिलती है।
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