ईरान में पहले से तैयार था इजरायली ड्रोन बेस! मोसाद के सीक्रेट ऑपरेशन का हुआ पर्दाफाश
Iran vs Israel: इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने ईरान के अंदर गुप्त रूप से ड्रोन बेस स्थापित कर ऑपरेशन को अंजाम दिया है। हाल की खबरों के अनुसार मोसाद ने वर्षों पहले ईरान की जमीन पर गुप्त हथियार प्रणालियों और विस्फोटक ड्रोनों का नेटवर्क तैयार कर लिया था। जिसका इस्तेमाल हाल ही में ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमले के लिए किया गया। इस ऑपरेशन ने मोसाद की गहरी घुसपैठ और इजरायल की रणनीतिक ताकत को एक बार फिर दुनिया के सामने ला दिया है।
ऑपरेशन 'राइजिंग लायन' का खुलासा
इजरायली सुरक्षा सूत्रों के अनुसार 'राइजिंग लायन' नामक इस ऑपरेशन की योजना वर्षों से तैयार की जा रही थी। मोसाद ने ईरान के सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) साइटों के पास सटीक-निर्देशित हथियार और ड्रोन तैनात किए। इन ड्रोनों को गुरुवार रात सक्रिय किया गया, जिसके बाद तेहरान के पास अस्फहाजाबाद बेस पर सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल लांचरों को नष्ट कर दिया गया। इस हमले ने ईरान की वायु रक्षा प्रणाली को पंगु कर दिया। जिससे इजरायली वायुसेना के लिए रास्ता साफ हो गया।
मोसाद की रणनीति और गुप्त नेटवर्क
मोसाद ने तीन चरणों में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। पहले चरण में कमांडो टीमों ने ड्रोन सिस्टम को रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया। दूसरे चरण में मोबाइल प्लेटफॉर्म पर उन्नत हमलावर सिस्टम का उपयोग कर ईरान की वायु रक्षा को बेअसर किया गया। तीसरे चरण में पहले से स्थापित ड्रोन नेटवर्क ने सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए। इस ऑपरेशन में नतांज परमाणु संयंत्र और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर हुसैन सलामी जैसे शीर्ष सैन्य अधिकारियों को निशाना बनाया गया।
ईरान को भारी नुकसान
सैटेलाइट तस्वीरों और खुफिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि ईरान के शाहरौद स्पेस सेंटर और अन्य सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि इस हमले ने ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलों के 80% ठोस ईंधन भंडार को नष्ट कर दिया। जिससे उसकी जवाबी हमले की क्षमता कमजोर हो गई है। ईरान ने इन हमलों को 'कायराना' करार दिया। लेकिन उसकी आंतरिक सुरक्षा में सेंध का यह खुलासा उसके लिए बड़ा झटका है।
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