Frontier Highway Project: LAC पर भारत ने चीन को दिया ईंट का जवाब पत्थर से, जानें क्यों चिढ़ा ड्रैगन?
Frontier Highway Project: चीन की हेकड़ी को दूर करने के लिए भारत ने अरुणाचल प्रदेश में फ्रंटियर हाईवे प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। पड़ोसी देश चीन के अड़ियल रवैये को नजरअंदाज करते हुए भारत ने राजमार्गों का निर्माण शुरू कर दिया है। यह हाईवे करीब 200 किलोमीटर लंबा है। यह हाईवे चीन से लगी सीमा को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है।
फ्रंटियर हाईवे प्रोजेक्ट के पीछे दो मुख्य उद्देश्य हैं। इनमें से पहला है अरुणाचल प्रदेश में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ बेहतर कनेक्टिविटी स्थापित करना। इस हाईवे के बनने के बाद अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती गांवों से लोगों का पलायन कम होगा और सीमा पर हमारी सेनाओं की पहुंच के साथ-साथ सतर्कता भी बढ़ेगी।
यांगत्से से बहुत ज्यादा दूर नहीं होगा हाईवे
फ्रंटियर हाईवे LAC पर बॉर्डर से करीब 20 किलोमीटर दूर से गुजरेगा। हाइवे से यांग्त्से की दूरी भी बहुत ज़्यादा नहीं है। यांग्त्से वही इलाका है जहां भारत और चीन के बीच झड़प देखने को मिली थी। राजमार्ग के पूरा होने के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा के 5 किलोमीटर के भीतर के सभी गांव बारहमासी सड़कों के माध्यम से इससे जुड़ जाएंगे।
कई सुरंगें भी बनाई जाएंगी
इस हाईवे को इस तरह से बनाया जाएगा कि इसका इस्तेमाल पूरे साल और हर मौसम में किया जा सके। पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने सीमावर्ती इलाकों में तेजी से सड़कों का निर्माण किया है और आसपास के गांवों को जोड़ा है। हाईवे के निर्माण के दौरान कई सुरंगें भी बनाई जाएंगी। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सेना की पकड़ मजबूत हो जाएगी।
सीमांत राजमार्ग परियोजना की विशेष विशेषताएं-
• रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रंटियर हाईवे के निर्माण में 40 हजार करोड़ रुपये की लागत आने वाली है।
• परियोजना को पूरा करने के लिए 2027 का लक्ष्य रखा गया है। हाईवे की लंबाई करीब 1748 किलोमीटर होगी।
• यह परियोजना भूटान सीमा के पास स्थित तवांग क्षेत्र से शुरू होगी और भारत-म्यांमार सीमा के पास स्थित विजयनगर में समाप्त होगी।
• यह हाईवे तवांग से शुरू होकर अपर सुबनसिरी, अपर सियांग, मेचुखा, तूतिंग, दिबांग वैली, किबिथू होते हुए विजयनगर पहुंचेगा।
• हाईवे तैयार होने के बाद भारतीय सेना की आवाजाही आसान हो जाएगी और सीमा के अंत तक सैनिकों और अन्य हथियारों को तैनात करना आसान हो जाएगा।
• परियोजना की घोषणा के बाद से ही चीन आपत्ति जताता रहा है। हालांकि, भारत ने चीन की आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी।
• चीन ने कहा कि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद सुलझने तक भारत को ऐसे कदम उठाने से बचना चाहिए।
हाईवे प्रोजेक्ट शुरू कर चीन को कड़ा संदेश
दरअसल, भारत का अभिन्न अंग अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन की ओर से कई तरह के दावे किए जाते रहे हैं। भारत सरकार ने चीन के दावे को कभी महत्व नहीं दिया और अब हाईवे प्रोजेक्ट पर काम शुरू करके साफ संदेश दे दिया है। भारत भी इस प्रोजेक्ट के जरिए चीन को करारा जवाब देना चाहता है। पिछले कुछ महीनों में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कई गांवों के नाम बदल दिए थे, जिसके बाद भारत सरकार ने भी करारा जवाब दिया था।
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