भारत ने निकाला ट्रंप के टैरिफ का तोड़, रूसी कंपनी को बढ़-चढ़कर निवेश करने न्योता
नई दिल्ली: ट्रंप ने भारत पर भारी-भरकम टैरिफ लगाया है। इसके बाद अमेरिका को करारा जवाब देने के लिए भारत ने रूस का रुख किया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस की कंपनियों के साथ भारत का सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि टैरिफ और गैर टैरिफ बाधाओं से द्विपक्षीय व्यापार की गति प्रभावित हो सकती है।
विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने मॉस्को में भारत और रूस अंतर-सरकार आयोग के 26वें सत्र को संबोधित करते हुए भारत और यूरेशियन आर्थिक संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने पर जोर दिया। उन्होंनेक कहा किजयशंकर ने कहा कि टैरिफ और गैर टैरिफ बाधाओं और लॉजिस्टिक्स की रुकावटों को दूर करना, अंतरराष्ट्रीय नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर के जरिए कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना और सुचारू भुगतान मैकेनिज्म सुनिश्चित करना फिलहाल सबसे बड़ी चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि आयोग ने मॉस्को बैठक के दौरान मुक्त व्यापार समझौते के लिए संदर्भ की शर्तों को अंतिम रूप दे दिया है, जिसे उन्होंने एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
भारत का रूस के साथ बढ़ा व्यापार
आपको बता दें कि पिछले चार सालों में भारत का रूस के साथ व्यापार पांच गुना बढ़ गया है। 2021 में भारत और रूस के बीच 13 अरब डॉलर का व्यापार होता था। अब 2024 में यह बढ़कर 68 अरब डॉलर हो गया है। बता दें कि ऐसा रूस में भारत में हाइड्रोकार्बन के इंपोर्ट की वजह से हुआ है। रूसी दूतावास का अनुमान है कि पिछले पांच साल में इस दर में 700 फीसदी का इजाफा हुआ है।
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