UP: 17 जिलों में बाढ़ का तांडव, 402 गांव जलमग्न...84 हजार लोग प्रभावित; मंत्रियों की टीम राहत के लिए तैनात
UP Floods: उत्तर प्रदेश में लगातार बारिश और नदियों के उफान ने लगभग 17 जिलों में तबाही मचा दी है। कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, आगरा, औरैया, चित्रकूट, बलिया, बांदा, गाज़ीपुर, मीरजापुर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, जालौन, कानपुर देहात, हमीरपुर, इटावा और फतेहपुर जैसे जिले बाढ़ की चपेट में हैं। इन जिलों की 37 तहसीलों में फैले 402 गांवों में करीब 84,392 लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 47,906 लोगों को अब तक राहत सामग्री पहुंचाई जा चुकी है। इस संकट से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने त्वरित कदम उठाए हैं, जिसमें 11 मंत्रियों को ग्राउंड जीरो पर राहत कार्यों की निगरानी के लिए भेजा गया है।
बाढ़ ने मचाई तबाही
जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश में आई बाढ़ ने 4,015 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र को प्रभावित किया है, जिसमें खेत, सड़कें और घर जलमग्न हो गए हैं। वहीं, 343 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 327 परिवारों को मुआवजा दिया जा चुका है। इसके अलावा 2,759 मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों के बढ़ते जलस्तर ने स्थिति को और गंभीर बनाया है।
ग्राउंड जीरो पर उतरे 11 मंत्री
नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ : प्रयागराज
स्वतंत्र देव सिंह और संजय गंगवार : जालौन
स्वतंत्र देव सिंह और प्रतिभा शुक्ला : औरैया
रामकेश निषाद : हमीरपुर
जयवीर सिंह : आगरा
सुरेश खन्ना : वाराणसी
संजय निषाद : कानपुर देहात
धर्मवीर प्रजापति : इटावा
अजीत पाल : फतेहपुर
दयाशंकर सिंह 'दयालु' : बलिया
राहत बचाव कार्य जारी
बता दें, राज्य सरकार ने राहत कार्यों को युद्ध स्तर पर शुरू किया है। 905 बाढ़ शरणालयों में 11,248 से अधिक लोगों को ठहराया गया है। 493 नावों और मोटरबोट्स के जरिए 6,536 खाद्यान्न पैकेट और 76,632 लंच पैकेट वितरित किए गए हैं। 29 सामुदायिक रसोईघर (लंगर) प्रभावित लोगों को ताजा भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। इसके अलावा, 757 मेडिकल टीमें स्वास्थ्य जांच कर रही हैं, और 33,850 लीटर पीने का पानी, ओआरएस घोल और क्लोरीन टैबलेट वितरित किए गए हैं। साथ ही, प्रयागराज में 18 राहत केंद्र बनाए गए हैं, जहां 6,000 से अधिक लोग ठहरे हैं। NDRF, SDRF, पीएसी और जल पुलिस की टीमें लगातार गश्त कर रही हैं, और 1,193 बाढ़ चौकियां स्थिति पर नजर रख रही हैं।
हालांकि, कुछ क्षेत्रों में नदियों का जलस्तर कम होने की संभावना है। लेकिन गंगा, यमुना, केन और बेतवा जैसी नदियां कई जगहों पर खतरे के निशान के करीब या उससे ऊपर बह रही हैं। बलिया में गंगा का जलस्तर रिकॉर्ड 60.39 मीटर की ओर बढ़ रहा है, जबकि गाज़ीपुर में यह पहले ही खतरे के निशान को पार कर चुका है।
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