पहलगाम के आतंकियों को लेकर हुआ बड़ा खुलासा, पाकिस्तान के खिलाफ मिले सबूत
Pahalgam Terror Attack:भारतीय सेना की ओर से पहलगाम आतंकी हमले की घटना के बाद से आतंकियों के खिलाफ जंग जारी है। सुरक्षाबलों ने अभी तक घाटी में कई आतंकियों को मार गिराया। वहीं, इस मामले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। मारे गए आतंकियों के पास से पाकिस्तानी वोटर कार्ड मिले हैं, जो ये बताता है कि आतंकी पाकिस्तानी थे। इससे पाकिस्तान के झूठ का खुलासा हुआ है, जो कह रहा था कि हमले में उसका हाथ नहीं है।
आतंकियों की हुई पहचान
इसके साथ ही आतंकियों की पहचान भी हुई है। हमले में मारे गए आतंकियों में नामसुलेमान साहा, अबू हमजा और यासिर शामिल थे। बता दें कि 28 जुलाई 2025 को भारतीय सुरक्षा बलों ने आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया था। ऑपरेशन महादेव के दौरान जुटाए गए फॉरेंसिक, दस्तावेजी और गवाहों के बयानों से ये साफ हो गया कि हमलावर पाकिस्तानी और लश्कर-ए-तैयबा के सीनियर कमांडर थे। ये हमले वाले दिन से ही दाचीगाम-हरवान के जंगलों में छिपे हुए थे।
आतंकियों के पास से मिले पाकिस्तानी चॉकलेट
वहीं, इन आतंकवादियों के पास से कैंडीलैंड और चोकोमैक्स चॉकलेट के रैपर मिले, जो कराची स्थित कंपनियों द्वारा बनी हैं। रैपर पर छपे लॉट नंबर मई 2024 में मुज़फ्फराबाद, POK भेजे गए माल से मेल खा रहे हैं। इसके साथ ही उनके पास से एक सैटेलाइट फोन में मिली माइक्रो-SD कार्ड से तीनों आतंकियों की बायोमेट्रिक जानकारी मिली जो पाकिस्तान की NADRA डेटाबेस से जुड़ी थी। उनके पते कसूर जिले के चंगा मंगा और POK के कोइयान गांव से जुड़े हैं।
कैसे हुआ था पहलगाम हमला?
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बाईसरन घाटी में आतंकवादियों ने टूरिस्ट्स पर हमला किया था। पहलगाम जहां लोग शांति से घूमने आते हैं, इन आतंकियों ने उसे कब्रस्तान में बदल दिया था। इस दौरान पांच आतंकवादियों ने M4 कार्बाइन और AK-47 से गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए। इसमें ज्यादातर हिंदू टूरिस्ट्स, एक क्रिश्चियन टूरिस्ट और एक स्थानीय मुस्लिम भी शामिल था। इसे 2008 के मुंबई हमले के बाद भारत में सबसे बड़ा सिविलियन अटैक माना गया।
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