अब बांस बनाएगा किसानों को अमीर, सरकार ने लॉन्च की ये योजना,जानें
New Delhi: अब किसानों और शिल्पियों के लिए राष्ट्रीय बांस मिशन समृद्धि का जरिया बन कर उभर रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार बांस से जुड़े उत्पादों की विस्तृत चेन और बाजार बनाने की योजनाओं पर कार्य कर रही है। प्रदेश में बांस की खेती बढ़ाने के साथ ही कॉमन फैसिलिटी सेंटर भी खोले जा रहे हैं। बांस उपचार संयंत्र(Bamboo Treatment Plant) लगाने का काम भी शुरू कर दिया है।
मल्टीपल पर्पस स्कीम बांस मिशन को बांस की नई किस्मों को विकसित करने,अनुसंधान को प्रोत्साहन देने, पौधों में कीट, बीमारी प्रबंधन और हाईटेक नर्सरी लगाने, बांस से जुड़े हस्तकला के कार्यों को बढ़ावा देने, बांस उत्पादों के लिए विपणन नेटवर्क विकसित करने, बांस उत्पादकों की आय बढ़ाने और कारीगरों को कच्चा माल मिल सके इस लिए शुरू किया गया है।
इन जिलों में लागू होगी राष्ट्रीय बांस मिशन योजना
अभी बांस मिशन योजना विंध्याचल और बुंदेलखंड क्षेत्र समेत 32 जिलों (38 वन प्रभाग) और बिजनौर सामाजिक वानिकी, शाहजहांपुर, सहारनपुर सामाजिक वानिकी,नजीबाबाद (बिजनौर), मुजफ्फरनगर, शिवालिक (सहारनपुर), सीतापुर, पीलीभीत सामाजिक वानिकी,रामपुर, बरेली, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, दक्षिण खीरी,उत्तर खीरी, बाराबंकी,बहराइच, सुल्तानपुर, रायबरेली,सोहागीबरवा वन्यजीव (महराजगंज),प्रतापगढ़, प्रयागराज, काशी वन्यजीव (चन्दौली),फतेहपुर,वाराणसी,आजमगढ़, जौनपुर, गोरखपुर, बलिया, ललितपुर,बांदा, झांसी, महोबा, हमीरपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र,उरई (जालौन), ओबरा,रेनूकूट और चित्रकूट में लागू की जा रही है।
दरअसल, इस योजना के अंतर्गत प्रदेश में मुख्य रूप से बैम्बूसा न्यूटन्स,बैम्बूसा बाल्कोआ, डैन्ड्रोक्लेमस हैमिल्टोनी, डैन्ड्रोक्लेमस जाइजेन्टियस,और बैम्बूसा बैम्बोस जैसी प्रजातियों को उगाने, लगाने और बढ़ावा देने का काम कराया जा रहा है। योजना के तहत राजकीय भूमि और निजी कृषक भूमि मेंसामान्य सुविधा केंद्र (CFC),बांस पौधशाला लगाने, बांस उपचार संयंत्र, बांस का बाजारऔर वृक्षारोपण के साथ सहायक कार्यों पर सब्सिडी भी मिल रही है। निजी कृषकों, निजी संस्थाओं की तरफ से किए जाने वाले कार्यों पर 50 प्रतिशत की प्रोत्साहन धनराशि दी जा रही है।
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