रांची का अनोखा गांव...जहां एक ही परिवार के 40 सदस्यों का है बसेरा, सबको मिल रही फ्री सरकारी योजनाएं

Ranchi Unique Village: चुप-चुप के फिल्म तो याद है ना? वो मस्त कॉमेडी, जहां राजपाल यादव करीना कपूर की फैमिली को घूर-घूरकर देखते हैं और फटाक से बोल पड़ते हैं, "अरे! वही जो... तो इसको घर क्यों बोलते हो, जिला घोषित क्यों नहीं कर देते!" हाहा, कितना सटीक डायलॉग था ना, बड़ी-बड़ी फैमिली को चिढ़ाने के लिए। लेकिन अब सोचिए तो सही, अगर कोई पूरा गांव ही एक सिंगल फैमिली का हो जाए, तो क्या होगा? जिला बना देंगे या फिर सरकारी योजनाओं का पॉपुलर डेस्टिनेशन?
अरे वाह, ऐसा ही एक कमाल का गांव रांची में है। इस गांव का नाम चेंगरे है। यहां न तो भीड़-भाड़ वाली पंचायतें चलती हैं, न ही पड़ोसी झगड़े। बस एक ही बड़ा-सा परिवार, करीब 40सदस्य, सब रिश्तेदारों के रिश्तेदार, चैन से रहते हैं। बाकी सब तो पलायन कर चुके – नौकरी, बेहतर जिंदगी की तलाश में शहरों की ओर कूच हो गया। गांव के खेत-खलिहान सूने पड़े हैं, पुराने घरों में सन्नाटा है, लेकिन ये एक फैमिली? वो तो जैसे गांव के आखिरी सिपाही, डटे हुए हैं अपनी जड़ों पर।
अब मजेदार बात सुनिए – इतने छोटे से 'गांव' के लिए भी सरकार की सारी स्कीम्स चालू हैं। पीएम आवास, राशन कार्ड, सब कुछ इनके नाम। ये लोग फुल एंजॉय करते हैं इन बेनिफिट्स को। कोई टेंशन नहीं, बस शांति से खेतीबाड़ी, परिवार के साथ हंसी-मजाक। सोचकर ही मजा आ जाता है ना – एक फैमिली, एक गांव, और ढेर सारी सरकारी खुशियां! काश हम सबकी जिंदगी भी इतनी सिंपल हो जाए।
87हेक्टेयर में फैला है गांव
चेंगरे गांव के क्षेत्रफल की बात करें तो ये कुल 87हेक्टेयर है। रनिया प्रखंड के अधिकारी बताते हैं कि उन्हें इस गांव के लिए योजना बनानी पड़ती है, जिसका इन्हें लाभ भी मिलता है। गांव के बाकी लोग समय के साथ पलायन कर गए, लेकिन ये परिवार अभी भी वहीं रहता है। जब इनसे सवाल किया गया कि क्या इनको अच्छी जिंदगी नहीं चाहिए, जिसके जवाब में ये लोग कहते हैं कि "हमें ज्यादा अधिक भौतिक सुख सुविधा नहीं चाहिए। जंगल से जो भी आता है, उससे हमारा काम और जीवन अच्छे से चलता है। गाय हमारे पास दूध देने के लिए है ही। इसे बेचकर या बकरी को भी बेचकर और कुछ खेती-बड़ी करके हमारा जीवन अच्छे से चल जाता है।"
जब इस परिवार से ये सवाल किया गया कि क्या इनको डर नहीं लगता कि ये पूरे गांव में अकेले रहते हैं, इसके जवाब में ये परिवार कहता है कि "बगल में ही एक और गांव है, जो कि हमारे गांव से बिल्कुल सटा हुआ है। वह गांव काफी भरा-पूरा है। ऐसे में अगर हम इन्हें बुलाएं तो सारे लोग आ जाएंगे। इसलिए हमें डर नहीं लगता। यहां पशु-इंसान सब हमारे अपने हैं।"
दुनिया
देश
कार्यक्रम
राजनीति
खेल
मनोरंजन
व्यवसाय
यात्रा
गैजेट
जुर्म
स्पेशल
मूवी मसाला
स्वास्थ्य
शिक्षा
शिकायत निवारण
Most Popular


Leave a Reply