Kathua Cloudburst Victims: तूफान में खत्म हो गया हस्ता-खेलता खुशहाल परिवार, प्राकृतिक आपदा ने कठुआ में बरपाया कहर
Kathua Cloudburst Update: रविवार तड़के जम्मू के कठुआ जिले में दो स्थानों पर बादल फटने से भारी तबाही मची। जुथाना के जोड़ क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति के पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायल हुए। जंगलोट के बागड़ा में एक मां और बेटी की जान चली गई, और चार अन्य घायल हैं। सुबह 3 से 4 बजे के बीच हुई तेज बारिश ने घरों, पशुओं और आजीविका को बहा दिया। वार्ड-7 की ममता देवी ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ सो रही थीं, जब अचानक पानी उनके घर में घुस गया। पांच फीट तक पानी भरने से परिवार छत पर भागा, लेकिन सारा सामान नष्ट हो गया। एक मंजिला घर पूरी तरह तबाह हो गए, जबकि गलियां और सड़कें कीचड़ और मलबे से भर गईं।
बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान
बाढ़ ने कठुआ के बुनियादी ढांचे को भी तहस-नहस कर दिया। जम्मू-पठानकोट हाईवे का 100 मीटर हिस्सा धंस गया, जिसके बाद हाईवे अथॉरिटी ने चेतावनी संकेतक लगाए। राजकीय मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) कठुआ जलमग्न हो गया, और इसकी सर्विस लेन मलबे से अटी पड़ी। कॉलेज के एमबीबीएस छात्रों ने बताया कि सुबह बाहर निकलने पर उन्हें परिसर पानी और मलबे में डूबा मिला। वार्ड-7 की गलियों में टाइलें उखड़ गईं, और घरों की दीवारें ढहने से आवागमन ठप हो गया। रेल यातायात सुबह 4 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक बाधित रहा, जिससे क्षेत्रीय संपर्क कट गया।
सेना और प्रशासन का राहत कार्य
भारतीय सेना ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। 150 जवानों और वायुसेना के हेलिकॉप्टरों ने घायलों को पठानकोट के मामून अस्पताल पहुंचाया। जवानों ने बच्चों और बुजुर्गों को कंधों पर उठाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। पुलिस, एनडीआरएफ, और सीआरपीएफ की टीमें भी राहत कार्य में जुटीं। डीआईजी शिव कुमार शर्मा ने हादसास्थल पर डेरा डाला। सेना की मेडिकल टीम ने मौके पर प्राथमिक उपचार दिया। प्रशासन मलबा हटाने और प्रभावितों की मदद में जुटा है।
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