दिल्ली की बारिश में बुनियादी ढांचे की पोल खुली, CJI बी.आर गवई ने क्यों उठाए सवाल?
Supreme Court: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) भूषण रामकृष्ण गवई ने हाल ही में दिल्ली की बारिश से उत्पन्न होने वाली समस्याओं पर एक टिप्पणी की। उन्होंने कहा 'दो घंटे की बारिश में दिल्ली लकवाग्रस्त हो जाती है।' दरअसल, यह बयान सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान आया, जो राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और केरल हाईकोर्ट के एक फैसले से संबंधित था। इस टिप्पणी ने न केवल दिल्ली की बुनियादी ढांचे की कमियों को उजागर किया, बल्कि देश की राजधानी में बारिश के बाद होने वाली ट्रैफिक और जलभराव की समस्याओं पर भी गंभीर सवाल उठाए।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 18अगस्त 2025को सुप्रीम कोर्ट में CJI गवई की अध्यक्षता वाली पीठ, जिसमें जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया शामिल थे। उन्होंने केरल के त्रिशूर जिले में NH 544पर स्थित पलियेक्कारा टोल प्लाजा से संबंधित एक मामले की सुनवाई की। केरल हाईकोर्ट ने इस हाईवे की खराब स्थिति के कारण टोल वसूली पर रोक लगा दी थी।
वहीं, NHAI ने केरल हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुनवाई के दौरान, एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट परिसर के बाहर बारिश के कारण लगने वाले ट्रैफिक जाम का जिक्र किया। इस पर CJI गवई ने दिल्ली की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि दो घंटे की बारिश में ही पूरा शहर ठप हो जाता है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने क्या कहा?
बता दें, कोर्ट की टिप्पणी पर NHAI की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 12घंटे लंबा जाम इसलिए लगा क्योंकि वहां एक लॉरी पलट गई थी। उनके इस तर्क पर कोर्ट ने कहा कि लॉरी अपने आप नहीं पलटी, गड्ढे की वजह से वो पलट गई थी. वहीं, तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि NHAI ने उन सड़कों के लिए वैकल्पिक रोड बनाई हैं, जहां पर अंडरपास का काम चल रहा है लेकिन मानसून की वजह से अंडरपास का काम भी काफी प्रभावित हुआ है।
इसके अलावा कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस बात पर जोर दिया कि इस रोड पर 12 घंटे लंबा ट्रैफिक लगता है. कोर्ट ने 14 अगस्त को याचिका पर सुनवाई से अनिच्छा जताते हुए कहा था कि लोगों से यहां टोल कैसे लिया जा सकता है, जबकि रोड अच्छी हालत में नहीं हैं, जिसकी वजह से लोगों को लंबे जाम में फंसना पड़ता है।
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