मोकामा हत्याकांड में बड़ा खुलासा, दुलारचंद यादव की मौत गोली से नहीं, बल्कि...पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोला राज
Mokama Murder Case:बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच पटना जिले के मोकामा इलाके में जन सुराज पार्टी के नेता और पूर्व गैंगस्टर दुलारचंद यादव (76) की संदिग्ध मौत ने राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। गुरुवार 30अक्टूबर को प्रचार के दौरान हुई झड़प में उनकी मौत की खबर फैलते ही इलाके में तनाव फैल गया। लेकिन शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने मामले को नया मोड़ दे दिया। रिपोर्ट के अनुसार, दुलारचंद की मौत गोली लगने से नहीं, बल्कि आंतरिक चोटों के कारणों से हुई। यह खुलासा न केवल जांच की दिशा बदल सकता है, बल्कि चुनावी माहौल को और गरमा सकता है।
क्या है पूरा मामला?
बता दें, 30अक्टूबर को मोकामा में जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में प्रचार सभा हो रही थी। दुलारचंद यादव, जो जन सुराज के प्रमुख समर्थक थे और पहले राजद से जुड़े रहे, प्रचार में सक्रिय थे। घटनास्थल पर मौजूद लोगों के अनुसार, सभा के दौरान जेडीयू उम्मीदवार अनंत सिंह के समर्थकों और दुलारचंद के गुट के बीच झड़प हो गई। इस दौरान लाठी-डंडों, पथराव और गोलीबारी भी हुई। इसी बीच, दुलारचंद को पैर में गोली लगी, जिसके बाद उन्हें सदर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
दुलारचंद की मौत के बाद उनके समर्थकों ने इलाके में तोड़फोड़ की, वाहनों को आग लगाई और पुलिस पर हमला बोला। जिसके बाद पुलिस ने भारी बल तैनात किया और स्थिति को नियंत्रित करने में जुट गई। शुक्रवार को दुलारचंद का अंतिम संस्कार भारी सुरक्षा के बीच किया गया, जहां उनके समर्थकों ने 'दुलारचंद अमर रहें' के नारे लगाए।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
सदर अस्पताल में तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने दुलारचंद के शव का पोस्टमार्टम किया, जिसकी निगरानी पटना ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग ने की। बोर्ड में डॉ. अजय कुमार सिंह, डॉ. अनिल कुमार और अन्य विशेषज्ञ शामिल थे। शुरुआती रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए। रिपोर्ट में बताया गया कि दुलारचंद के पैर के एंकल जॉइंट के पास गोली लगी थी, जो आर-पार हो गई। डॉ. अजय कुमार ने कहा 'गोली मौत का कारण नहीं थी, क्योंकि यह जानलेवा नहीं थी।' एक्स-रे से भी यही पुष्टि हुई। डॉक्टर ने आगे कहा कि शरीर पर कई बाहरी और आंतरिक घाव मिले, ज्यादातर छिलने या मारपीट जैसे। ऐसे में उनका मानना है कि दुलारचंद की मौत आंतरिक चोटों की वजह से हुई है।
बता दें, यह खुलासा जांच को जटिल बना रहा है, क्योंकि प्रारंभिक रिपोर्टों में इसे गोलीबारी का मामला माना गया था। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या मौत हादसे से हुई या पूर्व नियोजित हमले में अन्य तरीकों का इस्तेमाल हुआ? इस मामले में मृतक के पोते ने कुल पांच आरोपियों की पहचान की है। जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज किया है। अब तक दो लोगों को पत्थरबाजी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। वहीं, पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
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