बाढ़ के पानी से मंडरा रहा है इन बीमारियों का खतरा, जानें
Delhi: दिल्ली में यमुना का विकराल रूप देखने को मिल रहा है। राजधानी के चारो तरफ पानी ही पानी है। हालांकि सरकार ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है, लेकिन आपको बता दें कि बाढ़ से ना सिर्फ लोगों की जान डूबने से जाती है बल्कि इस दौरान कई बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है।
बाढ़ के पानी में छिपी हुई खतरनाकता के कारण, निम्नलिखित वॉटर बोर्न डिजीज़ के खतरे बढ़ सकते हैं:
- डायरिया:बाढ़ के पानी में मिट्टी, कीटाणु, या डेढ़ अजगर के बचे हुए अंशों की मौजूदगी के कारण डायरिया फैल सकता है। यह एक आम वॉटर बोर्न बीमारी है जो पेट में दर्द, बुखार, और पानी की अतिरिक्त खोज के साथ पानी की दस्त या अतिसार के रूप में प्रकट होती है।
- टाइफाइड:यदि बाढ़ के पानी में संक्रमित मल या मूत्र मिल जाता है, तो टाइफाइड जैसी वॉटर बोर्न बीमारी फैल सकती है। इस बीमारी में बुखार, ठंड, पेट में दर्द, उच्चतम नाक संक्रमण और थकान महत्वपूर्ण लक्षण हो सकते हैं।
- जलवायु बदलाव:बाढ़ के दौरान, पानी की अतिरिक्त मौजूदगी के कारण, जलवायु बदलाव संक्रमण के खतरे में वृद्धि कर सकता है। यह सामान्य बीमारियों जैसे जुकाम, बुखार, सांस लेने में कठिनाई और विभिन्न अनुकरणीय लक्षणों के साथ आता है।
इन वॉटर बोर्न डिजीज़ से बचाव के लिए, निम्नलिखित उपायों का पालन करें:
- पीने के लिए सुरक्षित और शुद्ध पानी का उपयोग करें।
- हाथों को साबुन और पानी से नियमित रूप से धोएं और सुखाएं।
- स्वच्छता और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें।
- टीकाकरण के लिए सलाह लें और वैक्सीनेशन को अद्यतित रखें।
- स्वास्थ्य निगरानी और स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन करें।
यह उपाय आपको वॉटर बोर्न डिजीज़ से बचाने में मदद कर सकते हैं, लेकिन आपको अपने स्थानीय स्वास्थ्य निगरानी और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करना चाहिए।
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