Atal Setu कैसे है इंजीनियरिंग का नायाब नमूना? जानें देश के सबसे लंबे पुल की खासियत
Atal Setu: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार कोअटल सेतु का उद्घाटन किया। ये देश का समंदर पर बना सबसे बड़ा पुल है, जो मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ता है।वहीं इस पुल के बन जानें से अब घंटों का सफर मिनटों में ही पूरा किया जा सकता है। पुल का पूरा नाम है- अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु। ये दुनिया का 12वां सबसे लंबा पुल है।
आपको बता दें कि, अटल सेतु अपने आप में इंजीनियरिंग का नायाब नमूना है।22 किलोमीटर लंबे पुल के जरिए दक्षिण मुंबई से नवी मुंबई तक की दूरी तय करने में सिर्फ 20 से 25 मिनट लगेंगे और डेढ़ से दो घंटे से ज्यादा की बचत होगी। इतना ही नहीं, एक अनुमान के मुताबिक हर गाड़ी से करीब 300 रुपये का ईंधन भी बचेगा। इस पुल को बनाते समय पर्यावरण का खास ख्याल रखा गया है।
समुद्र के ऊपर है पुल का 16.5 किमीं लंबा हिस्सा
यह समुद्री पुल मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, मुंबई-गोवा राजमार्ग और नवी मुंबई के प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से जुड़ा गया है। इसके खुलने से इससे जुड़े क्षेत्रों में आर्थिक विकास हो सकेगा। महाराष्ट्र के दो बड़े शहरों को जोड़ने वाला यह समुद्री पुल 6 लेन का है। इस पुल का 16.5 किलोमीटर लंबा हिस्सा समुद्र के ऊपर है, जबकि 5.5 किलोमीटर हिस्सा जमीन पर है।
अटल सेतु कैसे है इंजीनियरिंग का नायाब नमूना?
यह पुल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले 190 CCTVकैमरों से लैस है। यह पूल JNPTके करीब है, जिससे बड़े मालवाहक जहाजों की आवाजाही बाधित न हो,इस पुल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके नीचे से दुनिया का सबसे बड़ा मालवाहक जहाज गुजर सकता है।
देश के सबसे लंबे अटल ब्रिज पर एक तरफ से 250 रुपये टोल वसूला जाएगा। समुद्र के जिस हिस्से में यह पूल बनाया गया है, वहां राजहंस पक्षी (Flamingo) हर सर्दियों में आते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए पुल के किनारे साउंड बैरियर लगाया गया है। साथ ही इसे बनाते समय ध्वनि प्रदूषण को कम करने का भी ध्यान रखा गया। MMRDAका दावा है कि पिछले साल राजहंस की संख्या में बढ़ोतरी हुई थी।
यह सुनिश्चित करने के लिए एक व्यू बैरियर लगाया गया है कि कोई भी (BARC) इस पुल से भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र की तस्वीरें या वीडियो न ले। इसके अलावा ऐसी लाइटें लगाई गई हैं जो सिर्फ पुल पर ही गिरती हैं और समुद्री जीवों को नुकसान नहीं पहुंचातीं।मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक पर प्रतिदिन 70,000 से अधिक वाहनों का आवागमन होने की उम्मीद है।
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