Manish Sisodia: कहां गायब थे मनीष सिसोदिया, खुद किया बड़ा खुलासा
Delhi News: दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी के बड़े नेता मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल ने सार्वजनिक कार्य से दूरी बना ली थी। बता दें कि मनीष सिसोदिया पिछले 11 दिनों पिछले से राजस्थान के एक गांव में विपश्यना ध्यान शिविर में थे। इस बात की पुष्टि उन्होंने खुद सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट जारी करते हुए की।
पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट करते हुए कहा कि पिछले 11 दिन से राजस्थान के एक गांव में विपश्यना ध्यान शिविर में था। मौन, एकांत, और अपने ही अंतर्मन का अवलोकन। फोन भी बंद था, बाहरी दुनिया से पूरी तरह कटा हुआ। आज सुबह ही शिविर पूरा हुआ। उन्होंने लिखा कि, विपश्यना सिर्फ ध्यान नहीं, एक गहरी आध्यात्मिक यात्रा है। दिन में 12+ घंटे केवल अपनी साँसों को देखना, बिना किसी प्रतिक्रिया के बस अपने मन और शरीर को समझना। गौतम बुद्ध की वही सीख— चीजों को वैसे ही देखना, जैसी वे वास्तव में हैं, न कि जैसी हम उन्हें देखना चाहते हैं।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस यात्रा में कोई संवाद नहीं। न फोन, न किताबें, न लेखन, न ही किसी से नज़रों का सामना। पहले कुछ दिन दिमाग़ भागता है, बेचैन होता है, लेकिन धीरे-धीरे समय ठहरने लगता है। एक अजीब-सी शांति हर हलचल के बीच जन्म लेने लगती है। उन्होंने कहा कि सबसे दिलचस्प बात यह लगी कि शिविर में 75% लोग 20-35 वर्ष की उम्र के थे। जब आख़िरी दिन बातचीत की, तो पता चला कि सफलता की दौड़ थकान, उलझती ज़िंदगियां और भीतर की बेचैनी उन्हें इतनी कम उम्र में ही इस राह पर ले आई है।
युवाओं को दिया संदेश
आप नेता ने कहा कि उनकी शिकायत थी कि जिस शिक्षा ने उन्हें सफलता की इस दौड़ के लायक़ बनाया है उसमें इस थकान और इन उलझनों से निपटने का मंत्र भी सिखा दिया जाता तो हर पढ़े लिखे इंसान की ज़िंदगी कितनी खुशहाल भी हो सकती है। मुझे ख़ुशी है कि दिल्ली का शिक्षा मंत्री रहते हुए स्कूलों मे हैप्पीनेस पाठ्यक्रम के तहत रोज़ाना हर बच्चे के लिए #HappinessClass शुरू करा सका। यह शिक्षा के मानवीयकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है जिसका ज़िक्र विपासना ध्यान में दस दिन बिताने के बाद के बाद ये युवा कर रहे थे।
कब लौटेंगे दिल्ली
मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज शाम तक दिल्ली लौटूँगा, नई ऊर्जा और नए जोश के साथ। और संकल्प वही—देश के हर बच्चे को शानदार शिक्षा मिले। अच्छी शिक्षा हर बच्चे को न सिर्फ़ सफल बल्कि एक बेहतर इंसान बनाए। शिक्षा के मानवीयकरण का काम भी तो आगे बढ़ाना है। और हां, अगर जीवन में आपको भी कभी मौका मिले, तो 10 दिन का यह अनुभव ज़रूर लें। यह केवल चित्त की शांति का मार्ग नहीं, बल्कि स्वयं को जानने का एक दुर्लभ अवसर है। मेडिटेशन कोर्स का विवरण यहां देख सकते हैं।
Leave a Reply