‘…राम मंदिर से ही नहीं, राम से भी नफरत है”, अपनी ही पार्टी पर बरसे कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम
गाजियाबाद: देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है। इसमें से एक राज्य और दूसरे का पहले चरण की वोटिंग हो चुकी है। सभी पार्टियां ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इस बीच कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम का बयान सामने आया है जिसमे उन्होंने कई सवाल उठाए है। बता दें कि वह पार्टी प्रत्याशी के लिए प्रचार करते नजर नहीं आ रहे हैं। इस पर जब उनसे सवाल किया गया कि तो कृष्णम ने कहा कि नाराजगी का सवाल नहीं है। हो सकता है आलाकमान को मेरी जरूरत न हो और हो भी सकती है।
पार्टी का प्रचार करने पर कृष्णम ने तोड़ी चुप्पी
उन्होंने कहा कि उन्हें एक हिंदू धार्मिक नेता को स्टार प्रचारक नियुक्त करने के उद्देश्य में कुछ खामी नजर आती है। इसीलिए मुझे चुनाव प्रचार में नहीं उतारा गया। कृष्णम ने आगे कहा, जो राम से नफरत करता है वह हिंदू नहीं हो सकता। राम मंदिर को रोकने के लिए जो प्रयास किए गए हैं, उसके बारे में पूरी दुनिया जानती है। राम से बैर किसको है और राम पर श्रद्धा किसको है? मुझे नहीं लगता कि इस रहस्य पर कोई पर्दा है। पार्टी का हिस्सा होने का मतलब ये नहीं कि सच को सच नहीं कहा जाता और झूठ को झूठ नहीं कहा जाता।
“...राम से भी नफरत है”
उन्होंने आगे कहा कि मुझे एहसास हुआ है कि कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता हैं जो राम मंदिर से ही नहीं बल्कि राम से भी नफरत करते हैं। पार्टी के स्टार प्रचारक की सूची में अपना नाम नहीं होने पर कृष्णम ने कहा, ''नाराजगी का कोई कारण नहीं है। शायद उन्हें (कांग्रेस) हिंदुओं के समर्थन की जरूरत नहीं है या किसी हिंदू धार्मिक गुरु को स्टार प्रचारक बनाने के पीछे का मकसद नहीं है।हो सकता है कि उन्हें उनमें कुछ कमी नजर आ रही हो। यह पार्टी का फैसला है।
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