बिहार के सीएम नीतीश कुमार का परिवारवाद पर वार, लालू की बेटी का पलटवार
Bihar News: बिहार की सियासत में इस वक्त काफी हलचल मची है। JDU और RJD के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। हाल ही में बिहार के सीएम और JDU के प्रमुख नीतीश कुमार ने परिवारवाद को लेकर हमला बोला जिसके बाद सियासी गलियारे में भूचाल आ गया। अब RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक के बाद एक तीन पोस्ट किए। उन्होंने बिना नाम लिए कुछ ऐसा बोल दिया जिसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। रोहिणी के पोस्ट से JDU और RJD में कोल्ड वॉर होने के कयास लगाए जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार ने रोहिणी आचार्य के सोशल मीडिया पोस्ट के बारे में जानकारी मांगी है।
रोहिणी ने कही ये बात
दरअसल, रोहिणी ने अपने पोस्ट में लिखा है,'समाजवादी पुरोधा होने का करता वही दावा है,हवाओं की तरह बदलती जिनकी विचारधारा है..' अपनी अगली पोस्ट में रोहिणी लिखती हैं, 'खीज जताए क्या होगा, जब हुआ न कोई अपना योग्य विधि का विधान कौन टाले,जब खुद की नीयत में ही हो खोट।‘यही नहीं एक और पोस्ट में रोहिणी ने लिखा, 'अक्सर कुछ लोग नहीं देख पाते हैं अपनी कमियां, लेकिन किसी दूसरे पे कीचड़ उछालने को करते रहते हैं बदतमीजियां..'इन पोस्ट को JDU के ऊपर हमले के रूप में देखा जा रहा।
नीतीश कुमार ने साधा था निशाना
बता दें, बीते दिन कर्पूरी ठाकुर के जयंती के मौकेपर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पटना में वेटेनरी कॉलेज ग्राउंड में जनता को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने परिवारवाद पर निशाना साधा। नीतीश कुमार ने कहा,‘कर्पूरी ठाकुर जी ने कभी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया। लेकिन, आज लोग सिर्फ अपने परिवार को ही बढ़ाते रहते हैं। मैंने भी कभी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया है।’
नीतीश कुमार ने कहा, आजकल लोग अपने बेटे को नेता बना देते हैं। बेटा अपने आप को बड़ा नेता बोलता है। बड़ी-बड़ी बातें बोलता है। लेकिन कर्पूरी ठाकुर जी ने कभी भी अपने बेटे को अपने पद का लाभ नहीं दिलाया। उन्होंने अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया। लेकिन, आज लोग कुछ भी बोलते रहते हैं। हालांकि उन्हें बोलने दीजिये हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।नीतीश कुमार ने कहा है कि जेडीयू कभी भी परिवारवाद का समर्थन नहीं करती है।
दुनिया
देश
कार्यक्रम
राजनीति
खेल
मनोरंजन
व्यवसाय
यात्रा
गैजेट
जुर्म
स्पेशल
मूवी मसाला
स्वास्थ्य
शिक्षा
शिकायत निवारण
Most Popular
Leave a Reply