China की आर्थिक रफ्तार पर America ने लगाया ब्रेक, छीना ‘Developing Country’ का दर्जा, जानें असर
नई दिल्ली: अमेरिका ने आर्थिक मोर्चे पर चीन को तगड़ा झटका दिया है। अमेरिकी सीनेट ने एक नए कानून को मंजूरी दी, जिसके तहत अब US चीन को विकासशील देश का दर्जा नहीं देगा। US की इस राड़नीतिक चाल से आर्थिक मोर्चे पर भारी असर पड़ेगा। चीन को अब विश्व बैंक (World Bank) और अन्य वित्तीय संस्थानों से आसानी से और कम ब्याज दरों पर कर्ज नहीं मिल पाएगा। विकासशील देश का दर्जा होने के कारण चीन को सस्ते कर्ज आसानी से मिल जाते थे। लेकिन तब चीन दुनिया के गरीब देशों को महंगा कर्ज देकर अपने कर्ज के जाल में फंसता था।
विकसित अर्थव्यवस्था की स्थिति
USसीनेट से कानून को मंजूरी मिलने के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन अब विश्व व्यापार संगठन (WTO) जैसे बहुपक्षीय संगठनों को चीन की अर्थव्यवस्था को 'विकसित अर्थव्यवस्था' का दर्जा देने के लिए तैयार करने की कोशिश करेंगे। USसीनेट की विदेश संबंध समिति की पहल पर चीन से विकासशील देश का दर्जा छीन लिया गया है।
दर्जा क्यों छीन लिया गया?
US सीनेट का मानना था कि चीन को अब वो सारी सुविधाएं नहीं दी जा सकतीं, जो विकासशील देशों को मिलती हैं। चीन की अर्थव्यवस्था 20ट्रिलियन डॉलर की है और उसने दुनिया के कई देशों में अरबों डॉलर का निवेश किया है। इस वजह से अब चीन को विकासशील देशों की तमाम रियायतें नहीं मिलेंगी,क्योंकि चीन विकासशील देश के दर्जे का गलत इस्तेमाल कर रहा था।
कर्ज का किया जा रहा था गलत इस्तेमाल
चीन को सस्ती दरों पर जो कर्ज मिला, उसका इस्तेमाल 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' में किया गया। साथ ही उसने गरीब देशों को मंहगी दर पर कर्ज दिया, जिससे वे देश कर्ज के जाल में फंसते गए। इसके बाद चीन उनकी जमीनों और संस्थानों पर कब्जा कर रहा है।
अगर USअंतरराष्ट्रीय संस्थानों को यह विश्वास दिलाता है कि चीन अब एक विकासशील अर्थव्यवस्था नहीं है, तो राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार को एक बड़ा झटका लगेगा,क्योंकि कोविड के बाद से चीन की अर्थव्यवस्था मुश्किल स्थिति में है और उसकी गति बहुत धीमी है। अब USके इस कदम से उसकी अर्थव्यवस्था की रफ्तार और धीमी हो सकती है।
चीन ने आर्थिक ढांचे को बर्बाद कर दिया
सस्ते ऋणों के अतिरिक्त विकासशील देशों को अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में भी लाभ मिलता है। विश्व बैंक हर साल विकासशील देशों को अरबों डॉलर का कर्ज देता है। अमेरिकी रक्षा विभाग के अधिकारी पैट्रिक क्रोनिन ने अप्रैल में एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि चीन बहुत चालाक है। विकासशील देश की हैसियत का फायदा उठाकर इसने दुनिया के आर्थिक ढांचे को तहस-नहस कर दिया है और गरीब देशों को अपने कर्ज के जाल में फंसा लिया है।
विकसित देश का क्या अर्थ है?
एक विकसित देश में उन्नत औद्योगीकरण, आर्थिक समृद्धि का उच्च स्तर, बेहतर बुनियादी ढाँचा और तकनीकी प्रगति के साथ-साथ नागरिकों का उच्च जीवन स्तर होता है। ऐसे देशों में आमतौर पर अच्छी तरह से स्थापित उद्योग, मजबूत संस्थान और व्यापक सामाजिक कल्याण प्रणाली, साथ ही उच्च साक्षरता दर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा होती है। भारत के संदर्भ में देखें तो यह एक विकासशील देश है। चीन की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था छोटी है। इसलिए भारत को विकासशील देश का दर्जा प्राप्त है। भारत की जीडीपी 3.75 ट्रिलियन डॉलर है।
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