झारखंड में भाजपा से हाथ मिलाएंगे हेमंत सोरेन? दो मुलाकातों से सियासी अटकलें हुई तेज
Jharkhand Politics: झारखंड की राजनीति में फेरबदल की अटकलें हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन के दिल्ली दौरे के दौरान गुपचुप तरीके से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात होने की बात कही जा रही है। वहीं, दूसरी तरफ झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार और गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात की तस्वीरें सामने आने के बाद झारखंड में राजनीतिक फेरबदल की आशंकाओं को बल मिल गया है।
हालांकि, भाजपा के नेता और जेएमएम के नेता लगातार इन अटकलों को खारिज रह हैं। दोनों दलों के नेताओं की तरफ से आ रहे बयान के चलते कई तरह के कंफ्यूजन है। खासकर सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि भला जेएमएस जैसी पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन कैसे कर सकती है।
किसके पास बहुमत
झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन के पास बहुमत सुरक्षित है और असहमति की किसी भी स्थिति में झामुमो अपने दम पर सरकार चला पाने की स्थिति में हैं। कांग्रेस भी भाजपा को रोकने के लिए बाहर से समर्थन देने को मजबूर होगी। लेकिन, राजनीति केवल अंकगणित नहीं होती है। यह परिस्थितियों, दवाबों और मौके की समझ का खेल भी है। हाल के दिनों में हेमंत सरकार की मुश्किलें बढ़ी है, क्योंकि विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए वादे वित्तीय संकट के कारण अधर में लटके हुए हैं।
भाजपा को मौके की तलाश
भाजपा की आदिवासी समाज में पकड़ कमजोर हुई है और राजनीतिक स्पेस भी सिकुड़ता दिख रहा है। ऐसे समय में झामुमो के साथ संभावित तालमेल भाजपा को नई ताकत दे सकता है। कम से कम यह संदेश जो जाएगा कि पार्टी राज्य की प्रमुख सामाजिक श्रेणियों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है। भाजपा के साथ सकारात्मक रिश्ते की चर्चा को हवा इससे भी मिलती दिख रही है कि झारखंड की राजनीति में अरसे से दो धुर विरोधी माने जाने वाले हेमंत सोरेन और बाबूलाल मरांडी पिछले कुछ महीनों से से शांत हैं। दोनों की चुप्पी ने राजनीतिक पंडितों को ज्यादा सजग कर दिया है।
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