Uttarkashi Tunnel Collapse: मजदूर के सुरंग में फंसने से पिता को लगा सदमा, रेस्क्यू से कुछ वक्त पहले ही निकला पिता का दम
Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तरकाशी टनल में 17 दिनों तक मजदूर फंसे रहे। बीते दिन सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। जहां उनके बाहर आने की खबर से हर तरफ खुशियां छाई हुई थीं वही एक घर ऐसा था जहां मातम छाया हुआ था। दरअसल, झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले का रहने वाला भक्तू मुर्मू नाम के मजदूर के पिता का निधन हो गया।
दरअसल, भक्तू पूर्वी सिंहभूम जिले के बांकीशील पंचायत स्थित बाहदा गांव का रहने वाला है। उनके पिता 70वर्षीय पिता बासेत उर्फ बारसा मुर्मू गांव में ही थे, जब उन्हें अपने बेटे के सुरंग में फंसने की जानकारी मिली। मंगलवार की सुबह नाश्ता करने के बाद वह खाट पर बैठे हुए थे, तभी अचनाक वह खाट से नीचे गिर गए और उनकी मौत हो गई। बताया जा रहा कि बारसा मुर्मू की बेटे की याद में सदमे में जाने के चलते मौत हुई।
सदमे में पत्नी और मां
वहीं इस परमजदूरों के परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि हादसा 12 नवंबर को हुआ, लेकिन उसके बाद भी इतने दिनों तक उनके दरवाजे पर कोई भी अधिकारी नहीं आया है। किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने आकर उनसे उनका हाल-चाल नहीं पूछा। हर दिन भक्तू के परिवार को उदास करने वाली सूचना मिल रही थी, जिसकी वजह बारसा भी सदमे में चले गए दूसरी तरफ, बारसा की मौत से उनकी पत्नी और भक्तू की मां भी सदमे में हैं।
बाहर निकलने पर मिली जानकारी
भक्तू जब बाहर निकला जो उसे उसके पिता की निधन की जानकारी दी गई। पिता की मौत की खबर सुनते ही भक्तू फूट-फूटकर रोने लगा। जाहिर तौर पर पिछले 17दिनों से वह सुरंग के भीतर फंसे रहने के दौरान भी इस आस में था कि जब वह बाहर निकलेगा, तो पिता से उसकी मुलाकात होगी।
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