कल अंबाला से राफेल में उड़ान भरेंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, वायुसेना की दिखेगी ताकत
President Droupadi Murmu Rafale Flight: भारतीय वायुसेना के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जुड़ाव एक बार फिर इतिहास रचेगा। कल, 29अक्टूबर को हरियाणा के अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर राष्ट्रपति सुप्रीम कमांडर के रूप में राफेल फाइटर जेट में सॉर्टी (ट्रेनिंग उड़ान) भरेंगी। यह पहला मौका होगा जब कोई भारतीय राष्ट्रपति इस उन्नत फ्रेंच-निर्मित जेट में आसमान छुएंगी। राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक बयान के अनुसार, यह विजिट वायुसेना के संचालन और क्षमताओं की समीक्षा का हिस्सा है, जो सशस्त्र बलों के मनोबल को बढ़ाने का प्रतीक बनेगी।
जानें उड़ान का पूरा शेड्यूल
बता दें, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अंबाला दौरा 29अक्टूबर की सुबह से शुरू होगा, जहां वे वायुसेना के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगी और स्टेशन की सुविधाओं का निरीक्षण करेंगी। इसके बाद दोपहर में राफेल जेट में सॉर्टी की योजना है, जो लगभग 30-45मिनट की होगी। यह उड़ान प्रशिक्षित पायलट की देखरेख में होगी और राष्ट्रपति को जेट की उड़ान क्षमताओं का प्रत्यक्ष अनुभव मिलेगा। बयान में स्पष्ट किया कि यह सॉर्टी सुरक्षा प्रोटोकॉल के पूर्ण पालन के साथ होगी और कोई जोखिम नहीं लिया जाएगा।
मालूम हो कि राफेल, जो 2016के भारत-फ्रांस सौदे के तहत 36जेट्स में से एक है, अपनी सुपरसोनिक स्पीड (मच 1.8तक) और बहुउद्देशीय भूमिकाओं के लिए जाना जाता है। वायुसेना के सूत्रों के अनुसार, अंबाला बेस राफेल स्क्वाड्रन का मुख्यालय है, जहां 'नंबर 17गोल्डन एरो' स्क्वाड्रन तैनात है। राष्ट्रपति की यह उड़ान न केवल प्रतीकात्मक होगी, बल्कि युवा अधिकारियों के लिए प्रेरणा स्रोत भी बनेगी।
मुर्मू का वायुसेना से पुराना नाता
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का सशस्त्र बलों के साथ गहरा जुड़ाव रहा है। जुलाई 2023 में उन्होंने जोधपुर एयर बेस से सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट में पहली सॉर्टी भरी थी। उसके बाद साल 2024 में उन्होंने मिग-29 और अन्य विमानों की उड़ानों का निरीक्षण किया। एक आदिवासी पृष्ठभूमि से आने वाली राष्ट्रपति मुर्मू ने हमेशा सैनिकों के योगदान को सराहा है और उनकी यह पहल 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने का संदेश देती है।
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