'बेहद दुर्भाग्यपूर्ण...', संसद में शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा पर चर्चा बाधित, विपक्ष के हंगामे पर बोले राजनाथ सिंह
Rajnath Singh: 18 अगस्त सोमवार को लोकसभा में भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा पर विशेष चर्चा हुई। यह चर्चा भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) मिशन और ‘विकसित भारत 2047’ के लिए अंतरिक्ष कार्यक्रम की भूमिका पर केंद्रित थी। हालांकि, इस मौके पर भी विपक्ष ने खूब हंगामा किया, जिस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गहरी निराशा व्यक्त की।
संसद में विपक्ष का जोरदार हंगामा
दरअसल, आज संसद के मानसून सत्र के 18वें दिन, जैसे ही शुभांशु शुक्ला की उपलब्धि पर चर्चा शुरू हुई, विपक्ष ने बिहार के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और मतदाता सूची से संबंधित मुद्दों को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। नारेबाजी और विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही बाधित हुई और दोपहर 2 बजे शुरू हुई चर्चा कुछ ही देर बाद स्थगित कर दी गई। लोकसभा को मंगलवार, 19 अगस्त को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
राजनाथ सिंह ने जताई नाराजगी
वहीं, अब इस हंगामें के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने इसे 'बेहद निराशाजनक' और 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए कहा कि विपक्ष को इस राष्ट्रीय गौरव के क्षण में सकारात्मक योगदान देना चाहिए था। उन्होंने लिखा 'यह चर्चा भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और राष्ट्रीय सम्मान, स्वाभिमान व वैज्ञानिक प्रगति से जुड़ी थी। विपक्ष ने इसमें बाधा डालकर निराशाजनक व्यवहार किया। वे रचनात्मक समीक्षा और सुझाव दे सकते थे, लेकिन उनका रवैया दलगत राजनीति से प्रेरित था।'
दूसरी तरफ, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी विपक्ष से इस चर्चा में सकारात्मक भागीदारी की अपील की थी। उन्होंने कहा कि जिस तरह सांसदों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर एकजुट होकर चर्चा की थी, ठीक उसी तरह शुभांशु शुक्ला की उपलब्धि का जश्न भी मिलकर मनाना चाहिए। वहीं, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने विपक्ष के रवैये पर निशाना साधते हुए कहा ;पूरा देश शुभांशु शुक्ला की उपलब्धि का जश्न मना रहा है, लेकिन कुछ लोग इस उत्सव में शामिल नहीं हो रहे।'
शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा
मालूम हो कि शुभांशु शुक्ला ने नासा के एक्सिओम-4 मिशन के तहत 25 जून से 15 जुलाई 2025 तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 18 दिन बिताए। इस दौरान उन्होंने 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए, जिनमें से कई भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के निर्देशानुसार थे। बता दें, उनकी यह उपलब्धि साल 1984 के बाद पहली बार किसी भारतीय के अंतरिक्ष में पहुंचने का गौरवपूर्ण क्षण थी।
जिसके बाद 17 अगस्त 2025 को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनकी वापसी पर केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन और उनके परिवार ने उनका भव्य स्वागत किया।
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