भारतीय मूल की लड़की 21 साल में बनी ब्रिटेन की सॉलिसिटर, जानें कैसे किया कृषांगी मेश्राम ने कमाल
Krishangi Meshram: भारतीय मूल की कृषांगी मेश्राम ने ब्रिटेन में इतिहास रचा। लॉ ग्रेजुएट कृषांगी मेश्राम हाल के वर्षों में इंग्लैंड और वेल्स में सबसे कम उम्र की सॉलिसिटर बन गई हैं। उन्होंने ये कमाल केवल 21 साल की उम्र में कर दिखाया है। बता दें कि सॉलिसिटर ऐसा वकील होता है, जो कानून के कई क्षेत्रों पर एक्सपर्ट कानूनी सलाह देता है। वह अपने क्लाइंट के कानूनी हित का प्रतिनिधित्व करने और बचाव करने के लिए जिम्मेदार होता है।
पश्चिम बंगाल में पली-बढ़ीं
पश्चिम बंगाल में पली-बढ़ीं कृशांगी मेश्राम वर्तमान में संयुक्त अरब अमीरात में रह रही हैं। मेश्राम ने 15 साल की उम्र में मिल्टन कीन्स में ओपन यूनिवर्सिटी में लॉ की पढ़ाई शुरू की थी। इसके बाद उन्होंने केवल 18 साल की उम्र में लॉ में फर्स्ट क्लास ऑनर्स की डिग्री हासिल की।
विश्वविद्यालय को दिया श्रेय
कृषांगी मेश्राम ने विश्वविद्यालय को इसका श्रेय दिया है। उन्होंने कहा कि मैं ओपन विश्वविद्यालय की बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे केवल 15 साल की उम्र में एलएलबी की पढ़ाई शुरू करने का मौका दिया। कृषांगी मेश्राम ने आगे कहा कि अपनी पढ़ाई के दौरान ही मैंने न सिर्फ अपने कानूनी करियर की अकादमिक नींव रखी, बल्कि इसके साथ कानून के प्रति उनका लगाव बढ़ता गया।
कई विषयों में रखती हैं रुचि
बता दें कि कृषांगी मेश्राम व्यवसायों और निजी मुवक्किल के लिए अपनी कानूनी सेवाओं में विशेषज्ञता हासिल करना चाहती हैं। उनका मन यूके या यूएई की बड़ी फर्मों के साथ काम करना है। इस दौरान वह डिजिटल तकनीकों और मुवक्किल-केंद्रित कानूनी सेवाओं पर फोकस करना चाहती हैं।
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