भारत-रूस की चीन से बढ़ती नजदीकियों ने बढ़ाई ट्रंप की टेंशन, बोले- हमने India-Russia को खो दिया...

Trump On Losing India-Russia: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत, रूस और चीन के बढ़ते करीबी रिश्तों पर चिंता जताते हुए अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर तीखा बयान दिया है। उन्होंने लिखा कि भारत और रूस को "खतरनाक चीन" के प्रभाव में खोने का खतरा है।
ट्रंप ने तिआनजिन में हुए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन की तस्वीर साझा की, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक साथ नजर आए। ट्रंप ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि यह गठजोड़ "लंबा और समृद्ध" रहे। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के इस बयान के पीछे उनकी टैरिफ नीतियों से उपजा तनाव और वैश्विक समीकरणों में बदलाव की चिंता साफ झलकती है।
टैरिफ युद्ध और भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव
पिछले महीने ट्रंप द्वारा भारत पर 50% और चीन पर 145% टैरिफ लगाने की घोषणा ने वैश्विक व्यापार में उथल-पुथल मचा दी। हालांकि, चीन पर टैरिफ को 90 दिनों के लिए स्थगित किया गया, लेकिन भारत-अमेरिका संबंधों में तल्खी बढ़ गई है। ट्रंप के सहयोगियों की भारत और पीएम मोदी पर लगातार टिप्पणियों ने भारत को रूस और चीन के करीब लाने में भूमिका निभाई है। तिआनजिन में पीएम मोदी की सात साल बाद हुई चीन यात्रा ने दोनों देशों के बीच गलवान संघर्ष की कड़वाहट को कम करने का संकेत दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ट्रंप के बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जिससे भारत की कूटनीतिक चुप्पी साफ दिखाई दी।
भारत-चीन की दोस्ती का नया दौर
तिआनजिन में पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच सौहार्दपूर्ण मुलाकात ने वैश्विक मंच पर नई चर्चा छेड़ दी। जिनपिंग ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और दोनों नेताओं ने सीमा विवाद सुलझाने, व्यापार बढ़ाने और मित्रवत रिश्तों पर जोर दिया। जिनपिंग का बयान कि "ड्रैगन और हाथी का साथ" वैश्विक शांति के लिए जरूरी है, ने रिश्तों में नरमी का संदेश दिया। विशेषज्ञ इसे अमेरिका-विरोधी गुट के उभरने और नए विश्व व्यवस्था के संकेत के रूप में देख रहे हैं।
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