Aditya L1 Sun Mission: ISRO एक और इतिहास रचने के करीब, आज सूर्य को 'हेलो' बोलेगा आदित्य
Aditya L1 Sun Mission: भारत अपनी अंतरिक्ष के पास आज उपलब्धि हासिल करने का मौका है। आज ISROका सूर्य मिशन 'आदित्य L1' 37 लाख किलोमीटर की 126 दिन की यात्रा के बाद अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। 2023 में चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के साथ हलचल मचाने के बाद, ISROअपने सूर्य मिशन को पूरा कर एक बार फिर इतिहास रचना चाहेगा। उम्मीद है कि आदित्य-L1 आज शाम 4 बजे अपनी मंजिल पर पहुंच जाएगा।
क्या है L1 प्वाइंट?
क्या आपने कभी सोचा है कि इसरो ने आदित्य के लिए L1 (लैग्रेंज प्वाइंट) को क्यों चुना? इसका उत्तर सूर्य और पृथ्वी के बीच पांच लैग्रेंज बिंदु(L1 से L5) मौजूद है,जो अंतरिक्ष में पार्किंग स्पॉटकी तरह काम करते हैं। L1 विशेष है क्योंकि, यह उपग्रह जैसी छोटी वस्तु को पृथ्वी और सूर्य दोनों के साथ स्थिर गति से चलने में मदद करता है। इस जह पर ग्रहण की छाया की चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है, जिससे यह एक आदर्श स्थान है।
क्या है मिशन का उद्देश्य?
इस मिशन का प्राथमिक उद्देश्य सौर वायुमंडल का अध्ययन करना है, विशेष रूप से क्रोमोस्फीयर और कोरोना को समझना। इन सौर घटनाओं को समझना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे अंतरिक्ष के मौसम पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। ये संभावित रूप से पृथ्वी पर उपग्रह संचालन, दूरसंचार और पावर ग्रिड को प्रभावित कर सकते हैं।
कोरोना और क्रोमोस्फीयर क्या है?
क्रोमोस्फीयर चमकदार लाल दिखाई देता है, क्योंकि सूर्य में हाइड्रोजन उच्च तापमान पर लाल रंग का प्रकाश उत्सर्जित करता है। क्रोमोस्फीयर प्लाज्मा की एक पतली परत है। वहीं कोरोना (सूर्य का ऊपरी वायुमंडल) के बीच स्थित होती है।
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