India-Bangladesh: 1971 की तरह भारत से फिर मदद मांगने आया बांग्लादेश! जानें क्या है पूरा मामला
India-Bangladesh: म्यांमार में बिगड़ते हालात ने भारत और पड़ोसी देशों की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में भारत ने अपने नागरिकों को अलर्ट करते हुए म्यांमार के रखाइन प्रांत की यात्रा नहीं करने की सलाह दी है। जो लोग वहां हैं उन्हें तुरंत वहां से चले जाने को कहा गया है। इस बीच, बांग्लादेश ने 1971 की तरह भारत से मदद मांगी है। उसने देश में रोहिंग्या शरणार्थियों के लगातार प्रवेश के खिलाफ भारत से अपील की है, ताकि उन्हें वापस भेजा जा सके। ऐसे में ये समझना जरूरी है कि ये कैसा संकट है जो तीन देशों को प्रभावित कर रहा है।
दिल्ली आएं और डोभाल से मिलें
बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने दिल्ली का दौरा किया और अपने भारतीय समकक्ष एस। जयशंकर के साथ-साथ भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी बात की। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय एनएसए के साथ क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने और क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने पर बातचीत हुई। बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने अपने देश में तेजी से बढ़ रहे रोहिंग्या शरणार्थी संकट पर चर्चा की। ढाका में एक बार फिर शेख हसीना की सरकार बनने के बाद किसी विदेश मंत्री का यह पहला भारत दौरा है।
प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने डोभाल और जयशंकर दोनों के सामने रोहिंग्या शरणार्थियों का मुद्दा उठाया। उन्होंने आशंका जताई कि यह संकट दोनों देशों के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। महमूद ने पत्रकारों से कहा कि म्यांमार की स्थिति दोनों देशों के लिए चिंताजनक है क्योंकि हमारी सीमाएं म्यांमार से लगती हैं। हमने एनएसए के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की क्योंकि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए यह महत्वपूर्ण है कि म्यांमार में शांति बनी रहे।
भारत क्यों है टेंशन?
वैसे, यह पहली बार नहीं है कि बांग्लादेश ने भारत के सामने यह मुद्दा उठाया है। दरअसल, बांग्लादेश के कॉक्स बाजार इलाके में 12 लाख से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं। बांग्लादेश चाहता है कि भारत इस मुद्दे को सुलझाने में मदद करे और रोहिंग्याओं को उनके देश भेजे।
इधर भारत के लिए टेंशन बढ़ती जा रही है क्योंकि मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड में म्यांमार से लोगों की घुसपैठ बढ़ती जा रही है। वे शरणार्थी के रूप में आ सकते हैं लेकिन इससे सुरक्षा को ख़तरा हो सकता है। बांग्लादेश ने अब फैसला कर लिया है कि वह अब रोहिंग्या को स्वीकार नहीं करेगा। हाल ही में बांग्लादेश-म्यांमार सीमा पर झड़पें बढ़ी हैं। ऐसे में म्यांमार फोर्सेज और बॉर्डर गार्ड्स को भी बांग्लादेश में शरण लेनी पड़ रही है।
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