Haryana: बहादुरगढ़ में भारी बारिश से टूटा ड्रेन...सैकड़ों घर जलमग्न, डूब गई कई गाड़ियां तो फसलें हुई बर्बाद

Haryana Floods: हरियाणा के बहादुरगढ़ में हाल ही में मुंगेशपुर ड्रेन के टूटने से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं, जिसने स्थानीय निवासियों और औद्योगिक क्षेत्रों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। भारी बारिश और ड्रेन के ओवरफ्लो होने के कारण शहर के कई हिस्सों में 4से 5फीट तक पानी जमा हो गया है, जिससे कॉलोनियां जलमग्न हो गईं और सैकड़ों गाड़ियां पानी में डूब गईं। जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को बुलाया गया है, जो राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है।
ड्रेन टूटने से खेतेों में घुया पानी
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने हरियाणा के कई हिस्सों में तबाही मचाई है। बहादुरगढ़ में मुंगेशपुर ड्रेन, जो सोनीपत, दिल्ली और बहादुरगढ़ में बरसाती पानी की निकासी के लिए जरूरी है, पिछले सात दिनों से ओवरफ्लो हो रही थी। हाल ही में ड्रेन के तटबंध में 12से 15फीट चौड़ा कटाव होने से पानी तेजी से आसपास के खेतों और रिहायशी इलाकों में घुस गया। जिससे छोटूराम नगर, विवेकानंद नगर और औद्योगिक क्षेत्र जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, जहां पानी का स्तर कमर तक पहुंच गया है।
गुड़िया खेड़ा के पास मोडिया खेड़ा गांव में ड्रेन का तटबंध टूटने की वजह से पानी तेजी से खेतों में घुस गया। जिसमें करीब 1500एकड़ फसल पूरी तरह डूब गई। किसानों की मेहनत से तैयार पक्की फसलें अब पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, मारुति के स्टॉक यार्ड में खड़ी 150से ज्यादा गाड़ियां पानी में डूब चुकी हैं, जिससे भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्रियों का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है और कई व्यवसायों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
सेना और प्रशासन का राहत-बचाव कार्य
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। हिसार कैंट से सेना की डोट डिवीजन के 80से ज्यादा जवानों को राहत और बचाव कार्य के लिए बुलाया गया। सेना ने शुक्रवार शाम से अपना अभियान शुरू कर दिया और ड्रेन के तटबंध की मरम्मत का काम तेजी से शुरू किया। इसके अलावा राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की टीमें भी स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और आवश्यक सहायता प्रदान करने में जुटी हैं।
बहादुरगढ़ के एसडीएम नसीब कुमार ने बताया कि सिंचाई विभाग और नगर परिषद के 100 से अधिक कर्मचारियों ने तीन दिन तक ड्रेन के तटबंध को मजबूत करने की कोशिश की, लेकिन भारी बारिश और पानी के दबाव के कारण यह नाकाफी साबित हुआ। सेना की तैनाती से अब राहत कार्यों में तेजी आई है और जल्द ही जलभराव की स्थिति को नियंत्रित करने की उम्मीद है।
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