यमुना की बाढ़ से दिल्ली हुई बेहाल, गीता कॉलोनी को डुबोया; श्मशान घाट-राहत कैंप सब चढ़े भेंट

Delhi Flood Crisis: दिल्ली में यमुना नदी के उफान ने एक बार फिर राजधानी को संकट में डाल दिया है। भारी बारिश और हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के कारण यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 205.33मीटर से ऊपर पहुंचकर 207.48मीटर तक दर्ज किया गया है। इस जल प्रलय का असर दिल्ली के निचले इलाकों गीता कॉलोनी, मयूर विहार, यमुना बाजार, मजनू का टीला और कश्मीरी गेट जैसे इलाकों में देखने को मिल रहा है। गीता कॉलोनी के श्मशान घाट में पानी घुसने से अंतिम संस्कार की व्यवस्थाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं। मयूर विहार फेज-1में बनाए गए राहत कैंप भी डूब गए हैं।
दिल्ली में बाढ़ का कहर
यमुना का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। आईटीओ चौराहा, सिविल लाइंस, आउटर रिंग रोड, और दिल्ली सचिवालय तक पानी पहुंच चुका है। मयूर विहार फेज-1में बनाए गए राहत कैंप भी जलमग्न हो गए हैं, जिससे प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है। दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्जन लागू किया है, विशेष रूप से आउटर रिंग रोड, मजनू का टीला से सलीमगढ़ बाईपास, और सिग्नेचर ब्रिज से राजघाट तक के मार्गों पर, जहां जलभराव के कारण यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
जानकारी के अनुसार, हथिनीकुंड बैराज से 1.53लाख क्यूसेक और वजीराबाद बैराज से 1.90लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से यमुना का जलस्तर और बढ़ने की आशंका है। ऐसे में अधिकारियों ने अगले 24-48घंटों को महत्वपूर्ण बताया है। वहीं, दिल्ली के छह जिलों में लगभग 15,000लोग निचले इलाकों में रहते हैं, जिनमें से 5,000से अधिक यमुना के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हैं। प्रशासन ने इन क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए 38राहत कैंप स्थापित किए हैं, जहां भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
गीता कॉलोनी के श्मशान घाट में जलभराव
गीता कॉलोनी स्थित श्मशान घाट यमुना नदी के किनारे बसा है, जो बाढ़ के पानी से पूरी तरह जलमग्न हो गया है। कई फीट पानी जमा होने से घाट डूब गए हैं और लकड़ियां भी गीली हो चुकी हैं। इसके अलावा दिल्ली का सबसे बड़ा और पुराना श्मशान घाट निगमबोध घाट भी यमुना के पानी की चपेट में है। बुधवार दोपहर से यहां अंतिम संस्कार रोक दिए गए हैं, क्योंकि घाट की दीवार ढहने से पानी अंदर घुस गया है।
निगमबोध घाट पर प्रतिदिन औसतन 55-60अंतिम संस्कार होते हैं, लेकिन बाढ़ ने इस स्थल की व्यवस्थाओं को पूरी तरह बाधित कर दिया है। दिल्ली नगर निगम (MCD) ने हालात को देखते हुए घाट को बंद कर दिया है। लोगों से कड़कड़डूमा या गाज़ीपुर, अजमल खां या पंजाबी बाग जैसे वैकल्पिक श्मशान घाटों का उपयोग करने का अनुरोध किया है।
2023की बाढ़ की यादें ताजा
यह स्थिति 2023 की बाढ़ की याद दिला रही है, जब यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था और हजारों लोग विस्थापित हुए थे। उस समय भी गीता कॉलोनी और निगमबोध घाट बंद करने पड़े थे और राजधानी में जल संकट के साथ-साथ यातायात और बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई थी। वर्तमान में जलस्तर 207.48 मीटर होने के बावजूद, विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बारिश का सिलसिला जारी रहा, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
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