कठुआ में बादल फटने से चारों तरफ तबाही का मंजर, 4 की मौत; बचाव कार्य जारी
Cloudburst: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में भारी बारिश के बीच बादल फटने से जोड़ घाटी गांव में भयावह तबाही मच गई। राजबाग इलाके में हुई इस प्राकृतिक आपदा ने कई घरों को मलबे और बाढ़ के पानी में डुबो दिया, जिससे गांव का बाकी क्षेत्रों से संपर्क टूट गया। जम्मू-पठानकोट नेशनल हाईवे का एक हिस्सा भी मलबे की चपेट में आया, जिसके चलते यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। प्रारंभ में जनहानि की कोई खबर नहीं थी, लेकिन बाद में अधिकारियों ने पुष्टि की कि इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई और छह लोग घायल हुए हैं। पुलिस और SDRF की टीमें तुरंत राहत और बचाव कार्य के लिए मौके पर पहुंचीं। जिला प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है और लोगों से जलाशयों से दूर रहने की अपील की है, क्योंकि उझ नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है।
भूस्खलन और बाढ़ ने बढ़ाई मुश्किलें
कठुआ के बगार्ड, चंगड़ा और लखनपुर के दिलवान-हुटली क्षेत्रों में भी भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं सामने आईं। सौभाग्यवश, इन क्षेत्रों में बड़े नुकसान की कोई खबर नहीं है। हालांकि, जलस्तर के अचानक बढ़ने से नदी-नाले उफान पर हैं, जिसने स्थानीय लोगों में दहशत पैदा कर दी है। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में राहत कार्य तेज कर दिए हैं और बचाव दल मलबे में फंसे लोगों को निकालने में जुटे हैं।
किश्तवाड़ की त्रासदी के बाद एक और झटका
यह घटना किश्तवाड़ के चसोटी गांव में 14अगस्त को बादल फटने की त्रासदी के कुछ ही दिन बाद हुई, जहां 65 लोगों की मौत हो गई थी। कठुआ में हुई इस आपदा ने जम्मू-कश्मीर में बार-बार होने वाली प्राकृतिक आपदाओं की गंभीरता को फिर से उजागर किया है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की है, ताकि आगे के नुकसान को रोका जा सके।
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